Saturday, November 23, 2024
20 कुल लेख

Rahul Roushan

A well known expert on nothing. Opinions totally personal. RTs, sometimes even my own tweets, not endorsement. #Sarcasm. As unbiased as any popular journalist.

राजनीति से नहीं ट्विटर के रार का सरोकार, यह ‘विदेशी मसीहा’ को लेकर लिबरल बेचैनी का है इजहार

बात पुराने पापों पर पर्दा डालने की हो या नए प्रोपेगेंडा की, देशी लिबरलों को अब विदेशी मदद की दरकार है, क्योंकि उनके घरेलू नायक बेपर्दा हो चुके हैं।

2024 के लोकसभा चुनाव की बात करना जल्दबाजी है फिर भी हमें बात करनी होगी: जानिए क्यों?

पूरा कॉन्ग्रेस-लेफ्ट इकोसिस्टम 2024 तक इस बदलाव की झूठी उम्मीदों को जिन्दा रखने की पूरी कोशिश करेगा। फासीवाद का रोना रोकर भी जो अवसर न मिल पाया, इस इकोसिस्टम को वह अवसर कोरोना वायरस में दिखाई दिया है।

एक संघी की मृत्यु होती है, फिर उसकी फैक्ट-चेकिंग की जाती है… भारतीय मीडिया इससे नीचे नहीं गिर सकती

‘फैक्ट-चेकिंग’ अब फेक न्यूज और प्रोपेगेंडा फैलाने का एक नया माध्यम। मीडिया किसी भी ‘संघी’ अथवा एक प्रखर ‘हिन्दू पहचान’ वाले व्यक्ति को...

अन्ना हजारे का आंदोलन कॉन्ग्रेस की मदद के लिए था… रास्ता भटक गया और केजरीवाल सारी मलाई चाप गए?

"एक सीमित तरीके में ही आंदोलन बनाए रखना था, नियत समय के बाद उसे समाप्त करना था।" - यह फोन रिकॉर्डिंग है। इसके साथ चीजों को जोड़िए और...

ट्रंप समर्थक ने कहा- कश्मीर के लिए किया कैपिटल हिल पर हमला, JNU में बना हीरो

“यह कश्मीर के लिए था। यह पूँजीपतियों द्वारा गरीबों पर किए गए अत्याचार करने के लिए था। यह मोदी के लिए एक चेतावनी थी। यह ट्रम्प के लिए नहीं था।"
01:40:34

हिन्दुवाद, हिन्दुत्व और ट्विटर के ट्रैड | Rahul Roushan, Ashish Dhar talk Hindutva, Hinduism, trads beyond Twitter

ऑपइंडिया CEO राहुल रौशन और UpWord के संस्थापक आशीष धर के साथ हिन्दू, हिन्दुवाद, हिन्दुत्व जैसे मुद्दों पर बातचीत

फेसबुक इंडिया को ‘बीजेपी का वफादार’ बता WSJ ने पूरा किया लिबरल मीडिया का इंतकाम

WSJ का लेख दूसरों के लिए भी एक चेतावनी की तरह है। संदेश साफ है यदि आप उनके सामने सरेंडर नहीं करते तो वे आपकी प्रतिष्ठा और करियर को नष्ट कर देंगे।

ऑपइंडिया और इनके सम्पादकों के हालिया उत्पीड़न पर CEO राहुल रौशन का संदेश

हमले हमें परेशान नहीं करते हैं, वास्तव में, अगर वे हम पर हमला नहीं करते हैं, तो हमें ऐसा लगता है कि हम कुछ सही नहीं कर रहे हैं, कुछ दमदार काम नहीं है। इसलिए सबसे पहले, ऐसे नफरत करने वालों को धन्यवाद, वे हम पर हमला करते रहें।