ज़ुबैर ने निलंबन के बाद न सिर्फ भारतीय मुस्लिमों के साथ जश्न मनाया बल्कि दुनिया भर में फैले उम्माह (मुस्लिमों), इस्लामी राष्ट्रों को भी संज्ञान लेने के लिए उकसाया।
कई लोग मान रहे हैं कि केंद्र सरकार सड़क पर उतर कर भीड़ और हिंसा के सहारे अपनी बात मनवाने की कोशिश करने वालों के सामने झुक गई है। अंदर के लोगों का कहना है कि आंतरिक सुरक्षा के लिए ये अनिवार्य था।
ऑपइंडिया की एडिटर-इन-चीफ नुपूर जे शर्मा ने उनका साक्षात्कार लिया है। इस इंटरव्यू में उन्होंने उन घटनाओं का जिक्र किया जिसके कारण वह दोषी बनाए गए और जेल में रहे।
मोपला मुस्लिमों द्वारा मालाबार में किए गए हिंदू नरसंहार को 2021 में 100 वर्ष हो गए हैं। ऐसे में केरल सरकार इन प्रयासों में जुटी है कि कैसे भी इसका जिक्र धो पोंछ कर बराबर हो।