Sunday, November 24, 2024
110 कुल लेख

Nupur J Sharma

Editor-in-Chief, OpIndia.

100 साल पहले से ही हिन्दुओं के खून के प्यासे थे मोपला, इन 50 घटनाओं से समझिए: 1921 के हिन्दू नरसंहार से पहले की...

1921 में मोपला मुस्लिमों द्वारा हिन्दुओं के नरसंहार को बड़ी चालाकी से 'किसान विद्रोह' कह दिया गया। उससे पहले की 50 घटनाओं से समझिए सच्चाई।

जब मोपला में हुआ हिंदुओं का नरसंहार, तब गाँधी पढ़ा रहे थे खिलाफत का पाठ; बिना प्रतिकार मरने की दे रहे थे सीख

नरसंहार के बावजूद, भारतीय नेतृत्व जिसमें प्रमुख रूप से गाँधी शामिल थे, उसने हिंदुओं को उनके चेहरे पर मुस्कान के साथ मरते रहने के लिए कहा।

38 हिंदुओं का सिर कलम, खोपड़ी काट-काट कर फेंकी गई: मोपला का वो नरसंहार जब 3 दिन तक कुएँ से आती रहीं आवाजें

मोपला में हिंदुओं का नरसंहार थोड़ा अलग था क्योंकि मुस्लिमों को लग रहा था कि वो ब्रिटिशों को उखाड़ कर वहाँ इस्लामी राज्य स्थापित कर लेंगे।

वामपंथी मीडिया से लेकर सरकारें गिराने वाली विदेशी एजेंसियों के निशाने पर भारत: जानिए कितना सुनियोजित है प्रोजेक्ट पेगासस षडयंत्र

पेगासस का खुलासा करने वाली संस्था फॉरबिडेन स्टोरीज को उन लोगों और संस्थाओं से दान मिलते हैं, जो सरकारों को अस्थिर करने का काम करती हैं।

जाधवपुर में जले मिले 40 बीजेपी कार्यकर्ताओं के घर, NHRC टीम पर TMC गुंडों का हमला: NCM उपाध्यक्ष ने बताई बंगाल की जमीनी हकीकत

आतिफ रशीद ने बताया कि न सिर्फ जाधवपुर में 40 घर जले और ध्वस्त किए हुए मिले, बल्कि कई भाजपा कार्यकर्ताओं का 2 महीने से कोई अता-पता नहीं है।

शशि थरूर की अध्यक्षता वाली संसदीय स्थायी समिति के सामने पेश हुआ Twitter, खुद अपने ही जाल में फँसा: जानें क्या हुआ

संसदीय समिति ने ट्विटर के अधिकारियों से पूछताछ करते हुए साफ कहा कि देश का कानून सर्वोपरि है ना कि आपकी नीतियाँ।

पाठकों तक हमारी पहुँच को रोक रही फेसबुक, मनमाने नियमों को थोप रही… लेकिन हम लड़ेंगे: ऑपइंडिया एडिटर-इन-चीफ का लेटर

हमें लगता है कि जिस ताकत का सामना हमें करना पड़ रहा है, वह लगभग हर हफ्ते हम पर पूरी ताकत के साथ हमला बोलती है। हम लड़ेंगे। लेकिन हम अपनी मर्यादा के साथ लड़ेंगे और अपने सम्मान को बरकरार रखेंगे।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा किए गए जमीन के सौदे की पूरी सच्चाई, AAP के खोखले दावों की पूरी पड़ताल

अंसारी को जमीन का मालिकाना मिलने के बाद मंदिर ट्रस्ट और अंसारी के बीच बिक्री समझौता हुआ। अंसारी ने जमीन को 18.5 करोड़ रुपए में ट्रस्ट को बेचने की सहमति जताई।