डेस्क पर बैठ कर और रिवर्स इमेज सर्च के सहारे ही अगर फै़क्ट चेक का धंधा चलाना है तो कृपया इसे फोटो चेक का नाम दीजिए। सिर्फ पेजव्यू के लिए शीर्षक भ्रामक मत बनाइए।
तिवारी जी आ गए छौंक लगाने। मोदी सरकार से पहले बजट पेश कर दिया। संसद में नहीं, सोशल मीडिया पर। ऊपर से लिख दिया कि इसे सरकार ने ही लीक किया है। हद कर दी तिवारी जी आपने!
EEC का गठन मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा संस्थानों का चयन करने के लिए किया गया है। आज (जनवरी 29, 2019) समिति ने सुझाव दिया कि 20 के वर्तमान प्रस्ताव से बढ़ाकर IoE की संख्या 30 की जानी चाहिए।
साइबर क्राइम की बात होने पर कानून और स्पष्ट कानूनी ढाँचे के अभाव में, प्रतीक सिन्हा जैसे लोगों का ऑनलाइन स्टॉकिंग और उत्पीड़न जैसे अपराधों में शामिल होने के बाद भी बच निकलना आसान हो जाता है।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब विनोद कापड़ी को झूठ फैलाते हुए पकड़ा गया हो। इससे पहले, कापड़ी ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की हिंसा से संबंधित एक फ़ेक न्यूज़ फैलाई थी