Sunday, November 24, 2024

भारत की बात

‘वहॉं नुकीले पत्थर निकले हैं… तो जमीन को समतल करना पड़ेगा, बैठने लायक करना पड़ेगा’

आज NRC और CAA पर जिस तरह भ्रम का माहौल बनाने की कोशिश हो रही। समुदाय विशेष को उकसाया जा रहा। ऐसा ही कभी अयोध्या में राम मंदिर को लेकर कॉन्ग्रेसियों और वामपंथियों ने किया था। तब संसद में वाजपेयी ने कहा था...

‘मैंने अपनी माँ और भाई को जिंदा जलते देखा’: विभाजन की वो कहानी जिससे आज भी काँपते हैं बेअंत सिंह

स्वतंत्रता विभाजन का दंश भी लेकर आया था। मेरठ के बेअंत सिंह तब केवल 11 साल के थे जब राव​लपिंडी में उनकी मॉं और भाई को जिंदा जला दिया गया था।

मणिपुर का शेर बीर टिकेंद्रजीत सिंह: अंग्रेजों ने जिन्हें कहा था ‘खतरनाक बाघ’, दी थी खुली जगह पर फाँसी

बीर टिकेंद्रजीत सिंह को 13 अगस्त 1891 को आम जनता के सामने एक खुली जगह पर फाँसी लगाई ताकि लोगों में डर पैदा किया जा सके।

अतीत को गुरु मान कर सीखने की जरूरत: मातृभाषा अपनाएँ, प्राचीन ग्रंथों के अध्ययन पर हो जोर

भारत में आज हमें अपनी मातृभाषा पर ध्यान देने और संस्कृत ग्रंथों के अध्ययन की ज़रूरत है। हमारा प्राचीन ज्ञान फिर से प्रासंगिक बने।

संस्कृत सिर्फ भाषा नहीं… संस्कृति, विज्ञान, तार्किक क्षमता और अन्य भाषाओं की प्राण भी है

तुलनात्मक भाषा विज्ञान के अध्ययन में विद्वानों ने संस्कृत की ग्रीक, लैटिन आदि भाषाओं से समानता को प्रदर्शित किया है और संस्कृत भाषा को ही...

‘मथुरा-काशी बाकी है’: 1947 का वो यज्ञ जब 3 दोस्तों ने खींचा हिंदुओं के 3 पवित्र स्थल को वापस पाने का खाका

यह तो पहली झाँकी है, मथुरा-काशी बाकी है। ये नारा तो बहुत बाद में बुलंद हुआ। उससे बरसों पहले तीन दोस्तों ने अयोध्या के साथ-साथ इन दो हिंदू पवित्र स्थलों को वापस पाने का एक विस्तृत खाका तैयार कर लिया था।

उधम सिंह: जलियाँवाला बाग नरसंहार की आग में 21 साल तक जले, फिर एक दिन ऐसे उतारा डायर को मौत के घाट

13 अप्रैल 1919 के जलियाँवाला बाग नरसंहार को भला कौन भूल सकता है? इस नरसंहार के प्रतिशोध में 21 साल जलने वाले उधम सिंह की कहानी।

गँवार, लुटेरा, अत्याचारी… या महाबली व तहजीबों का संगम? अकबर पर तुलसीदास को पढ़ें, जावेद अख्तर को नहीं

गोस्वामी तुलसीदास ने तत्कालीन राजा को चोर और लुटेरा कहा है। ये किसी से छिपा नहीं है कि बादशाह अकबर के हरम में 5000 से भी अधिक महिलाएँ थीं।

यू तिरोत सिंह: तीर-भालों और तलवारों से अंग्रेजों की ईंट से ईंट बजाने वाला राजा

सीमित संसाधनों के बावजूद यू तिरोत सिंह चार सालों तक अंग्रेजों से लड़ते रहे। जख्मी होने के बावजूद झुके नहीं।

जहाँ हुए बलिदान मुखर्जी…: आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पहली जयंती

आर्टिकल 370 हटने के बाद डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पहली जयंती है। इसी दिन के लिए उन्होंने कहा था, एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे।

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