अल्लूरी को सबसे अधिक अंग्रेजों के खिलाफ रम्पा विद्रोह का नेतृत्व करने के लिए याद किया जाता है, जिसमें उन्होंने ब्रिटिशर्स के खिलाफ विद्रोह करने के लिए विशाखापट्टनम और पूर्वी गोदावरी जिलों के आदिवासी लोगों को संगठित किया था।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी की माता जोगमाया ने भी पंडित नेहरू को एक भावपूर्ण पत्र लिखकर अपने पुत्र की मृत्यु की निष्पक्ष जाँच की माँग की थी। लेकिन, एक माँ की माँग को भी नहीं माना गया।
निजामुद्दीन चिश्ती जैसों के 'शांतिपूर्ण सूफीवाद' का मिथक खूब फैलाया गया है। लेकिन वास्तविकता यही है कि ये जिहाद को बढ़ावा देने, 'काफिरों' के धर्मांतरण के लिए ही भारत आए थे।
पुष्यमित्र शुंग ने भारतवर्ष में क्षीण हो रहे सनातन धर्म की पुनर्स्थापना का स्वप्न देखा था। इसकी वजह से वामपंथी इतिहासकारों ने उसे नरसंहारक और कट्टर के तौर पर पेश किया।