Saturday, November 23, 2024

भारत की बात

गोवा का हाथ काटरो खम्भ: मौत का वह स्तम्भ जहाँ जेवियर के अनुयायी हिन्दुओं को काट दिया करते थे

भारत के अधिकांश शहरों में “संत” ज़ेवियर के नाम पर स्कूल-कॉलेज हैं। लेकिन गोवा में एक स्तंभ ऐसा भी है जिसे उसके अनुयायियों ने हिंदुओं के रक्त से सींचा था।

…जब सावरकर ने लेनिन को लंदन में 3 दिन के लिए दी थी शरण

वीर सावरकर ने एक बार लंदन में लेनिन को 3 दिन तक शरण दी थी। कम्युनिस्ट यह स्वीकार नहीं कर पाते कि सावरकर को कई प्रमुख वामपंथियों ने वीर कहने का साहस किया था।

जब अंग्रेज सावरकर को कोल्हू में बैल की जगह जोतते थे, जब गाँधी अफ्रीका से भारत लौटे भी नहीं थे: कहानी कालापानी की

उनसे छिलके कूटवाए जाते। कोल्हू का बैल बना कर दिन भर जोता जाता। उन्हें रस्सी बाँटने का काम दिया जाता। प्रताड़ना ऐसी कि आत्महत्या के ख्याल आते।

मई 19, 1961 की त्रासदी: जब 11 बंगालियों ने मातृभाषा के लिए अपनी जान गँवा दी थी

असम के सिलचर में राज्य की सरकारी भाषा के रूप में असमिया के अलावा बांग्ला को भी शामिल करने की माँग को लेकर आज ही के दिन वर्ष 1961 में आंदोलन हुआ था। सिलचर रेलवे स्टेशन पर मई 19, 1961 को आंदोलनकारियों पर पुलिस ने गोली चलाई थी, जिसमें 11 लोग मारे गए थे।

महात्मा गाँधी किसी मस्जिद में गीता पाठ कर सकते हैं क्या? आखिर क्यों नाथूराम गोडसे ने पूछा था यह सवाल

नेहरू सरकार नाथूराम गोडसे के बहाने सावरकर पर निशाना साधना चाहती थी। गाँधीजी की हत्या के बाद इस प्रयास पर पानी फेरते हुए गोडसे ने...

दर्थवामा रेन्थलेई: मिजोरम के एक अज्ञात राष्ट्र नायक, जिन्होंने नेताजी के नेतृत्व में लड़ी थी आजादी की लड़ाई

भारतीय स्वतंत्रता में अपना अद्भुत योगदान देने के लिए 15 अगस्त, 1972 को ‘ताम्रपत्र’ राष्ट्रीय पुरुस्कार से दर्थवामा को सम्मानित किया गया था।

सुखदेव थापर: जिनके भगत सिंह पर किए तंज ने क्रांतिकारियों को अमर बना दिया

सुखदेव थापर ने भगत सिंह पर एक लड़की को लेकर तंज करते हुए कहा कि कॉलेज की वो लड़की, जो तुम्हें देख कर मुस्कराया करती थी, तुम उसके इश्क में गिरफ्तार हो गए हो और......

मदुरा विजयम्: मदुरै सल्तनत पर विजयनगर साम्राज्य की शानदार जीत की गौरवशाली गाथा है महिला कवि गंगादेवी का महाकाव्य

मदुरा विजयम् बुराई पर अच्छाई की जीत की गौरवशाली गाथा है। दुर्भाग्य से, हमारी पाठ्यपुस्तकों में इतिहास के ऐसे शानदार अध्यायों के लिए कोई जगह नहीं है।

मुस्लिम वैज्ञानिक ‘मेजर जनरल पृथ्वीराज’ और PM वाजपेयी ने रचा था इतिहास, सोनिया ने दी थी संयम की सलाह

...उसके बाद कई देशों ने प्रतिबन्ध लगाए। लेकिन वाजपेयी झुके नहीं और यही कारण है कि देश आज सुपर-पावर बनने की ओर अग्रसर है।

शिक्षा के अधिकार की नींव रखने वाले गोपाल कृष्ण गोखले, जिन्होंने सदन से वाक आउट करना सिखाया

गोपाल कृष्ण गोखले ने अंग्रेजी सत्ता के नीचे रहकर एक ऐसे भारत का निर्माण किया जो विवेकशील था। जिसके भीतर उन्नत भविष्य का सपना पलता रहा।

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