Saturday, November 23, 2024

भारत की बात

‘तू भोजन कुत्ते की तरह चाट या मत खा’: हल्दीघाटी की एक अनसुनी कहानी में गद्दारों के लिए संदेश

महाराणा प्रताप ने मानसिंह जैसे कुलघाती से क्या कहा? उसके साथ कैसा व्यवहार किया? देश के गद्दारों को लेकर क्या सोचते थे प्रताप?

262 साल पहले जब दुर्रानी साम्राज्य को धूल चटा पेशावर में फहराया था मराठाओं ने केसरी झंडा

पुणे की सीमा से लगभग 2000 किलोमीटर दूर हासिल इस विजय ने मराठाओं के कीर्ति को दूर तक पहुँचाने में बहुत बड़ा योगदान दिया था।

बसंतर की लड़ाई: 1971 की जंग के नायक परमवीर चक्र विजेता मेजर होशियार सिंह दहिया की वीरता की कहानी

जब एक भारतीय मशीनगन का गनर वीरगति को प्राप्त हुआ तो उन्होंने खुद ही उसे सँभाल लिया। उस दिन दुश्मन के 89 जवान मारे गए......

तैमूर के वंशजों ने भारत को पनीर खाना सिखाया: कट्टरपंथियों का झूठ, ऋग्वेद में है सच्चाई

ऋग्वेद में पनीर का वर्णन, चरक संहिता व मानसोल्लास में इसके बनाने की विधि। लेकिन, फर्जी इतिहासकारों का कहना है कि भेड़-बकरी का दूध पीने वाले...

‘सत्ता के लालच से कॉन्ग्रेस का वर्तमान धूमिल’ – बोस, जिन्होंने गाँधी-नेहरू को छोड़ फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की

कॉन्ग्रेसी नेता सत्ता लोलुप हो चुके थे। बोस ने इस कारण त्याग पत्र दे दिया और फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की। 1947 से 4 साल पहले ही देश को आजाद...

जब नेहरू के रुख से 5 दिन में गिरी 67 लाशें: मराठियों को अलग महाराष्ट्र नहीं देना चाहती थी कॉन्ग्रेस

महाराष्ट्र का गठन कैसे हुए और नेहरू का एक्सपेरिमेंट क्यों फेल हुआ? यशवंतराव से लेकर ठाकरे और पवार कैसे उभरे?

जहाँ एक नपुंसक ने मुग़ल शहजादों को औरतों के कपड़े में नचाया: लाल किला की कहानी

लाल किले की नींव अप्रैल 29, 1638 को रखी गई। इसी किले में एक सनकी रोहिल्ला ने मुगलों को औरतों के कपड़े में नचाया।

औरंगज़ेब से हरिद्वार और वाराणसी को बचाया, आज अपने ही देश में मारे जा रहे: दशनामी नागा साधुओं का उपकार भूल गया देश

पालघर में बेरहमी से मौत के हवाले कर दिए गए दोनों ही साधु दशनामी थे। जिन्होंने औरंगज़ेब से ज्ञानवापी की रक्षा की और ब्रिटिश से युद्ध किया, उन्हें ये कैसी कृतज्ञता अर्पित कर रहे हैं हम?

संविधान में राम-कृष्ण को उकेरने वाला वो नायक जिसकी धरोहर ‘सेकुलर’ जमात ने गुपचुप गायब कर दी

क्या आपने नंदलाल बोस का नाम सुना है? संविधान में हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीर आज क्यों नहीं दिखती?

‘गायों का चरवाहा’ बना बम क्रांति का जनक, जिसके धमाकों से हिल गए थे अंग्रेज

वे क्रांतिकारियों के बम विशेषज्ञ थे। उनके ही बनाए बम का इस्तेमाल खुदीराम बोस और प्रफुल्ल चाकी ने किया था मुजफ्फरपुर में मजिस्ट्रेट किंग्सफोर्ड के काफिले पर हमले में किया था। जयंती पर बम क्रांति के जनक उल्लासकार दत्ता को नमन।

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