राजनैतिक मुद्दे

राम मंदिर अपवित्र… जय श्रीराम बोलो, भूखे मरो… राम को भगवान मानना बेवकूफी: 4 नेता, चारों हिंदू-घृणा से सने, मोदी को हराने की राजनीति या तुष्टिकरण?

राहुल गाँधी से लेकर ए राजा, शत्रुघ्न सिन्हा हो या रामेंदु सिन्हा राय, उनकी कोशिश यही है कि वो बीजेपी पर हमला बोलें और आम जनता के मन में बीजेपी…

बंगाल-बिहार-तमिल-मराठी… सबकी आग में पूरे भारत को झोंकना चाहते हैं राहुल गाँधी, कहाँ से आई इतनी नफरत?

राज्यों को लड़ा दो, एक कंपनी को दूसरी के खिलाफ भड़का दो, जात-पात पर समाज को बाँट दो... राहुल गाँधी को लगता है कि इससे उनके 2-4 वोट बढ़ जाएँगे।

शेख शाहजहाँ तो गिरफ्तार हो गया पर इस मरी हुई व्यवस्था का इलाज कौन करेगा, क्योंकि जंगलराज से भी गया गुजरा है ममता बनर्जी का बंगाल

बंगाल की असली चुनौती शाहजहाँ शेख की गिरफ्तारी नहीं है, बल्कि वो व्यवस्था है जिसने उसे संदेशखाली की सल्तनत चलाने की इजाजत दी।

‘भागते भूत की लंगोट भली’: कॉन्ग्रेस और राहुल गाँधी को उनके सहयोगियों ने ही दिखाई औकात, खुद की चाल में फँस गए ‘प्रिंस’

आखिर थक-हारकर कॉन्ग्रेस को समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के साथ सीटों का बँटवारा करना पड़ा और वह भी उनकी शर्तों पर।

नाचती ऐश्वर्या राय, ₹25 लाख में आई तृषा कृष्णन… उत्तर से दक्षिण तक राजनीति का वही कीचड़: हिरोइन भी किसी की माँ, किसी की बेटी होती हैं राहुल गाँधी

राहुल गाँधी ने अपने भाषण को दमदार दिखाने के लिए ऐश्वर्या रॉय जैसी नामी अभिनेत्री का नाम उछाला। लेकिन, ऐसा करते समय वो भूल गए कि ऐश्वर्या का अपमान भी…

मोदी सरकार ने खेती-किसानी को दिया खूब खाद-पानी, फिर ‘किसानों’ के नाम पर तमाशा क्यों? जानिए 10 साल में कैसे बदली कृषि क्षेत्र की तस्वीर

कृषि क्षेत्र में मोदी सरकार के कार्यों पर गौर करें तो इस तथ्य को बल मिलता है कि इस किसानो के नाम पर चल रहे तमाशे का मकसद राजनीतिक है।

69.15 रुपए में 1 किलो गेहूँ… राहुल गाँधी की गारंटी: अमीर हो या गरीब, मार्केट में इसी रेट से खरीदना होगा – समझिए MSP और C2+50 का गणित

किसान आंदोलन की आड़ में राजनीतिक खेल खेला जा रहा है। राहुल गाँधी उस आयोग की सिफारिशों को लागू करने की गारंटी दे रहे हैं, जिसे सरकार में रहते हुए…

चोला किसानों का पर नारे खालिस्तान के, तस्वीर भिंडरावाले की और धमकी PM कोः खेत-खलिहान का भला नहीं, राजनीति का नया मोर्चा है ‘दिल्ली चलो’

एक तरफ जहाँ कथित किसानों ने प्रदर्शन को लेकर पूरी तैयार की हुई है तो वहीं दूसरी ओर पॉलिटिकल पार्टियाँ इस मौके का लाभ उठाने से पीछे नहीं हट रही।

मी लॉर्ड! ये अच्छा है कि आप देख लेंगे, पर समय से देख लेने से आम आदमी को मिल सकती है राहत

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर आम लोगों को हो रही समस्याओं से निजात दिलाने की अपील की है।

नीतीश ‘सबके क्यों हैं?’ – ‘पलटूराम’ की वर्तमान छवि में नहीं, इतिहास में है ‘सुशासन बाबू’ को लेकर इस सवाल का जवाब, जो दूध कब का उबला आज तक चाभ रहे उसकी मलाई

नीतीश सबके क्यों हैं? किसी को उनसे या उनको किसी से परहेज क्यों नहीं? इसका जवाब उनकी वर्तमान छवि में नहीं, बल्कि इतिहास में ढूँढ़ा जा सकता है।