Saturday, November 30, 2024

राजनैतिक मुद्दे

प्रोपेगेंडा का यह पाप भारी: टूलकिट से पल्ला झाड़ना कॉन्ग्रेस के लिए मुमकिन नहीं, इकोसिस्टम से बाहर नहीं चलेगा ‘फेक’ वाला जुमला

इस टूलकिट को बनाने वाले और उसके क्रियान्वयन की ज़िम्मेदारी लेने वाले देसी हैं, कॉन्ग्रेस के लिए इससे खुद को अलग कर पाना लगभग असंभव होगा।

यूनिफॉर्म सिविल कोड और जनसंख्या नियंत्रण कानून वक्त की जरूरत, क्योंकि उनका कोई विशेषाधिकार नहीं

भारत बहुत वर्षों से इस नासूर से ग्रस्त है। जहाँ वह कम संख्या में हैं, विक्टिम हैं। बहुसंख्या में आते ही वे शरिया-शरिया चिल्लाते हैं।

बंगाल की उबड़-खाबड़ डगर: नारदा में TMC पर कसा फंदा तो CBI से ममता ने दिखाई पुरानी रार

बंगाल की राजनीति कौन सी करवट लेगी, यह समय तय करेगा। फिलहाल ममता बनर्जी और उनकी सरकार के लिए रास्ते सीधे नहीं दिखते।

केजरीवाल के ‘रोवन’ में राहुल गॉंधी की आहुति: चीनी वायरस के खिलाफ भारत की लड़ाई को चूना लगाती राजनीति

AAP सरकार विज्ञापन के अलावा जिस बात पर सबसे अधिक भरोसा करती है, वह है 'रोवन'। लम्बे समय तक प्रैक्टिस कर इसे अपना दर्शन बना लिया है।

चीनी वायरस पर मोदी घृणा से सना लेफ्ट-लिबरल प्रोपेगेंडा: कोरोना से भी घातक है ये राजनीति

देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर जैसे-जैसे तेज होती गई इसके समानांतर एक और लहर भी उफान मारने लगी। यह लहर संक्रमण से भी घातक है।

लॉकडाउन पर Confuse राहुल गाँधी: पहले जिनके लिए दी PM मोदी को ‘गाली’ अब उन्हीं पर बजा रहे ‘ताली’

ऐसा क्या है जिसने कॉन्ग्रेस को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वकालत करने के लिए मजबूर कर दिया है? किस कारण कॉन्ग्रेस और उसके युवराज राहुल गाँधी लगातार मोदी सरकार पर राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाने का दबाव बना रहे हैं?

तब मरीचझापी नरसंहार, अब जान बचाते हजारों बंगालियों का पलायन: सिर्फ वोटर बदले हैं, बंगाल की राजनीतिक वही है

आज जो बंगाल में हो रहा, वो बंगाल में पहले वामपंथियों और फिर टीएमसी की शासन में फैलाई गई वैमनस्यता और घृणा की पुरानी राजनीति की परिणति है।

…क्यूँकि ये बंगाल है: पहले लेफ्ट-अब TMC, वही किया जिसका सावरकर को दशकों पहले हो गया था एहसास

आज जो बंगाल में हो रहा है, वह बंगाल के लिए नया नहीं है। पर बीजेपी के लिए नया है। हिंसा के रास्ते वर्चस्व कायम की राजनीति का अंत कब?

मुस्लिम तुष्टिकरण यह भी: एक महिला मार दी गई और CM ‘आतंकियों’ को ‘उग्रवादी’ तक नहीं कह सकता

इसी पोलिटिकल करेक्टनेस में मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तानी चैनल पर मोदी सरकार के बारे में कहा कि उन्हें हटाइए, हमें ले आइए।

कोरोना काल में पत्र लेखन प्रधान राजनीतिक चालें और विरोध की संस्कृति

जबसे तीसरे चरण के टीकाकरण की घोषणा हुई है, कोविड के विरुद्ध देश की लड़ाई में राजनीतिक दखल ने एक अलग ही रूप ले लिया है।

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