सेलिब्रिटियों के तलाकों पर होती चर्चा बताती है कि हमारे समाज पर ऐसी खबरों का असर हो रहा है और लोग इन फैसलों से इन्फ्लुएंस होकर अपनी जिंदगी भी उनसे जोड़ने लगे हैं।
राजस्थान हाईकोर्ट के जज फरजंद अली 18 मुस्लिमों को जमानत दे देते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि चारभुजा नाथ की यात्रा पर इस्लामी मजहबी स्थल के सामने हमला करने वालों का कोई मजहब नहीं था।
छोटे से छोटे बच्चे के लिए पोर्न देखना आज के समय में इतना आसान हो गया है जैसे पहले रिमोट से चैनल बदलना हुआ करता था। इसी सुलभता के दुष्प्रभाव अब समाज झेल रहा है।
ऑपइंडिया से बात करते हुए अधिवक्ता शशांक शेखर झा ने पूछा कि पुलिस ने FIR में 304 की जगह कमजोर धारा 304A क्यों लगाई? उन्होंने कहा कि इस मामले में गलत संदेश गया है, अगर भीड़ ने न्याय व्यवस्था पर भरोसा करने की बजाए खुद हिंसा करना शुरू कर दिया तो ये ठीक नहीं होगा।