जब भारत विश्व की आर्थिक महाशक्ति बनेगा, व्यापार और उत्पादन दोनों ही भारत पर अधिक निर्भर होगा तब वैश्विक मंच पर स्वतः ही हिन्दी महत्वपूर्ण भूमिका का वहन करेगी।
यह कदम अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों के अनुरूप है जो सभी व्यक्तियों को उनकी कानूनी स्थिति की परवाह किए बिना पर्याप्त चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के महत्व पर जोर देता है।