दिल्ली सरकार के बाल विकास विभाग का अधिकारी रहते प्रेमोदय खाखा ने दोस्त की बेटी का जिस तरीके से शोषण किया, उसका दर्द जिस्मानी से कहीं अधिक जेहनी होता है, जो ताउम्र नासूर सा सालता रहता है।
इस्लाम जहाँ है, समाचारों में है। भारत में कश्मीर, बंगाल होकर केरल तक समाचार माध्यमों में उसकी चर्चा अधिकतर नकारात्मक है और फ्रांस समेत ऐसा ही अन्य देशों में है।
एक ऐसी भी क्लिप सामने आई है कि जिसमें जैद हदीद आकांक्षा को जबरदस्ती पकड़कर खींच रहे हैं। इस पर आकांक्षा थोड़ा उनसे दूर होकर कहती भी हैं कि उन्हें ये सब नहीं पसंद इसलिए ऐसे न छुआ जाए। लेकिन जैद हदीद पर खासा फर्क नहीं दिखता।
इस्लामी कानून, रवायत और कठमुल्ले किसी के लिए मुस्लिम महिलाओं की आवाज का मोल नहीं। उलटे तकरीरों में उन्हें इस तरह पेश किया जाता है जैसे 'भोग की वस्तु' से अधिक उनका मोल न हो।