'क्रांतिकारी' पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेयी ने ट्विटर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और इच्छाधारी आंदोलनकारी योगेन्द्र यादव को मशविरा दिया है।
इसके अलावा नेशनल हेराल्ड की वरिष्ठ सम्पादकीय सलाहकार मृणाल पांडे, कौमी आवाज के जफर आगा, कारवा पत्रिका के मुख्य संपादक प्रकाशक परेशनाथ, कारवाँ पत्रिका के अनन्तनाथ व इसी पत्रिका के कार्यकारी संपादक विनोद और एक अज्ञात का नाम शामिल है।
प्रबंधन ने राजदीप के ट्वीट्स को ग्रुप की सोशल मीडिया पॉलिसी से अलग माना है। इसीलिए अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें 2 हफ़्ते के लिए ऑफ़ एयर कर दिया।
सवाल उठता है कि जो लोग इसे पवित्र निशान साहिब बोल रहे हैं, वो ये बताएँ कि ये नारा और कड़ा किसका है? यह भी बताएँ कि एक किसान आंदोलन में मजहबी झंडा कहाँ से आया? उसे कैसे डिफेंड किया जाए कि तिरंगा फेंक कर मजहबी झंडा लगा दिया गया?