NDTV के पत्रकार जैन ने मध्यप्रदेश की ओर इशारा करते हुए उज्जैन में हुई हिंसा का सारा ठीकरा राम मंदिर डोनेशन यात्रा पर फोड़ा और कहा कि उसी से हिंसा भड़की, लेकिन सरकार ने पत्थरबाजों के ख़िलाफ़ कानून बना दिया।
यह पूरा प्रकरण उसके ट्वीट को लेकर उछला था, जिसमें उसने ‘ब्राह्मण d*cks’ के खिलाफ अपशब्द कहते हुए डींगें हाँकी थी। मीना के इस घृणित कमेंट का बचाव करने के लिए उसके कई कॉमरेड साथी इस मामले में कूद पड़े थे।
अपने आप को भारतीय मीडिया से बाहर का मानने वाले राजदीप सरदेसाई ने कहा कि भारतीय मीडिया इस समय उद्देश्यपूर्ण और ईमानदार पत्रकारिता नहीं कर रहा है, वे सिर्फ झूठ का प्रचार प्रसार करने के लिए पत्रकारिता का सहारा ले रहा है।
प्रोपेगैंडा वेबसाइट द वायर ने हिंदू विरोधी खबर को अंजाम देने की जल्दबाजी में न केवल झूठी खबर को फैलाया, बल्कि अपराध को जातिगत एंगल देकर लोगों को भड़काने का भी काम किया।
मुंबई पुलिस ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि BARC के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के कार्यकाल के दौरान TRP का फर्जीवाड़ा किया गया और अन्य इंग्लिश टीवी समाचार चैनलों की रेटिंग जानबूझकर नीचे गिरा कर रिपब्लिक टीवी को नंबर 1 बनाया गया।
HDFC के चेयरमैन दीपक पारेख इससे पहले केंद्र सरकार के बदलावों की सराहना कर चुके हैं। उन्होंने कृषि में बदलावों और श्रम कानून में आए बदलावों में भी सरकार का समर्थन किया था।
यही रवीश कुमार साल 2015 में इन किसानों की हालात पर चिंता जताते हुए बता चुके थे कि मंडियों में किसान आढ़ती के चंगुल में फँसा हुआ है, जहाँ उन्हें गुलाम बनाया जा रहा है।