अनुपम का कहना है कि 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' किसी नेता की छवि बिगाड़ने के लिए बनाई गई फ़िल्म नहीं है, बल्कि इस फ़िल्म में ये दर्शाया गया है कि किस तरह एक साधारण व्यक्ति अपनी क्षमता और काबिलियत के आधार पर देश का प्रधानमंत्री बनता है।
शीला दीक्षित ने चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा कि इन सब मामलो में सामान्य पार्टी कार्यकर्ताओं की राय नहीं ली जा सकती है और हमे हर हाल में आलाकमान का जो भी फैसला हो उसे ही मानना पड़ता है।
"तू कमाने जाना चाहता है, जा, मैं तुझे रोकूंगी नहीं, पर सोच बेटा इस तरह तू कितना कमायेगा? दो रुपये? तीन रुपये? पर याद रखना, ऐसे हमेशा तेरी औकात तीन रुपये की ही रहेगी। घर की तंगहाली और भूख से निपटने के लिए मैं मेहनत मजदूरी करुँगी। तू बस एक ही काम कर, तू पढ़। तू बस पढ़।"
आज भ्रम की स्थिति में फँसकर लोग इन बातों को भी भूल गए हैं कि देश के व्यवस्थित तबके को सुव्यवस्थित करने के साथ ही मोदी सरकार ने बिगड़ी चीजों को भी सुधारा है।
भीड़ ने धार्मिक स्थल के पास खड़ी थानेदार की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। साथ ही उपद्रवियों ने कई घरों और दुकानों में भी आग लगा दी, जिसके चलते कई लोग गांव छोड़कर चले गए।
मोदी विरोध में ये लोग इतना आगे निकल चुके हैं कि जब तक उनकी आँखों के सामने विस्फोट नहीं होगा तब तक वो ये नहीं मानेंगे कि ऐसे ‘जुगाड़’ से भी बम बनाया जा सकता है।
मोदी सरकार किसानों को हर एक क्रॉप सीजन में एक प्रति एकड़ चार हजार रुपये देने की तैयारी कर रही है। इतना ही नहीं, किसानों को एक लाख तक के ब्याज मुक्त कर का लाभ भी दिया जा सकता है।
भारतीय क्रिकेट के द्रोणाचार्य कहे जाने वाले दिग्गज कोच रमाकांत अचरेकर का कल उनके मुंबई स्थित आवास में निधन हो गया। 87 वर्षीय आचरेकर काफी दिनों से व्हीलचेयर पर थे और उनकी तबियत भी ख़राब चल रही थी।