Sunday, November 24, 2024
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रोहिंग्याओं की तस्वीरों को भारत की बताकर कॉन्ग्रेस ने कहा भारतीय रेलवे को ईस्ट इंडिया कम्पनी से भी बदतर

सवाल यह है कि जब ये तस्वीरें भारत की ही नहीं हैं तो फिर कॉन्ग्रेस और उसके कार्यकर्ता इन तस्वीरों में भारत सरकार के बजाए बांग्लादेश की सरकार को टैग करते हुए सवाल क्यों नहीं कर रहे हैं? और यदि ये भारत की तस्वीरें ही नहीं हैं तो फिर कॉन्ग्रेस फर्जी तस्वीरें, फेक ख़बरें शेयर कर क्या साबित करने का प्रयास कर रही है?

कोरोना वायरस की महामारी के कारण जारी देशव्यापी लॉकडाउन के बीच अन्य राज्यों में फँसे हुए लोगों का राजनीतिकरण करने के लिए कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से लेकर कॉन्ग्रेस आईटी सेल पूरा जोर लगा रहा है

यही वजह है कि कॉन्ग्रेस के द्वारा सोशल मीडिया पर बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की तस्वीरों के जरिए झूठ का सहारा लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

‘दलित कॉन्ग्रेस’ नाम के ट्विटर एकाउंट से एक ऐसी तस्वीर शेयर की गई है, जिसमें एक व्यक्ति को अपनी पीठ पर बूढ़ी महिला को ले जाते हुए देखा जा सकता है। कॉन्ग्रेस के इस ट्विटर अकाउंट में बताया गया है कि यह कॉन्ग्रेस का SC विभाग है।

इस ट्वीट में लिखा है – “@narendramodi जी, क्या आप इनके चेहरे की बेबसी को आप पढ़ पा रहे हैं?”

ऐसे ही कॉन्ग्रेस के ही एक अन्य ट्विटर एकाउंट – ‘हिमाचल प्रदेश कॉन्ग्रेस सेवादल’ द्वारा भी एक पोस्ट में यही तस्वीर ‘रोने वाली तीन इमोजी’ के साथ शेयर की गई है। जिसके साथ लिखा है- “आज देश के शासक ने क्या हालत कर दी, एक मजबूर माँ ..!! #HappyMotherDay” कुछ तो करो सरकार..”

बांग्लादेशी रोहिंग्याओं की तस्वीर शेयर कर रही है कॉन्ग्रेस

उल्लेखनीय है कि फर्जी तस्वीर के द्वारा सरकार की कार्यशैली पर भ्रम पैदा करने के लिए कॉन्ग्रेस ने जिन दोनों एकाउंट का इस्तेमाल किया है वो ट्विटर द्वारा भी सत्यापित हैं।

जिस तस्वीर को कॉन्ग्रेस के ये एकाउंट शेयर कर रहे हैं वो बांग्लादेशी रोहिंग्याओं की है। श्रीवास्तव (Srivastava), जो कि कर्नाटक, कॉन्ग्रेस के सोशल मीडिया प्रभारी हैं, ने भी इन्टरनेट से रेंडम तस्वीरें उठाकर शेयर करते हुए लिखा है कि भारतीय रेलवे ईस्ट इंडिया कम्पनी से भी बदतर हैं।

ऐसे में सवाल यह है कि जब ये तस्वीरें भारत की ही नहीं हैं तो फिर कॉन्ग्रेस और उसके कार्यकर्ता इन तस्वीरों में भारत सरकार के बजाए बांग्लादेश की सरकार को टैग करते हुए सवाल क्यों नहीं कर रहे हैं? और यदि ये भारत की तस्वीरें ही नहीं हैं तो फिर कॉन्ग्रेस फर्जी तस्वीरें, फेक ख़बरें शेयर कर क्या साबित करने का प्रयास कर रही है?

वास्तव में मीडिया मैनेजमेंट में लगी हुई कॉन्ग्रेस निरंतर ही कोरोना वायरस की महामारी से पीड़ितों के माध्यम से अपनी राजनीति को नई दिशा देने का मौका तलाश रही है। यही वजह है कि जहाँ पहले उसने अपने खर्चे से श्रमिकों को घर भेजने का झूठा और फर्जी दावा किया, वहीं अब रोहिंग्याओं को अपने झूठ का सहारा बना रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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