केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार (अक्टूबर 22, 2020) को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का घोषणा पत्र जारी किया। जिसमें उन्होंने कहा कि जैसे ही कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार हो जाएगी वैसे ही उसका वितरण बिहार के लोगों में होगा और वह भी मुफ्त। लोगों ने दावा किया है कि मोदी सरकार सिर्फ बिहार को ही मुफ्त कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराएगी।
https://twitter.com/ANI/status/1319153697406906369?ref_src=twsrc%5Etfwलेकिन वित्त मंत्री द्वारा जारी किया गया बयान बहुतों की समझ के दायरे से कोसों दूर था। इसके अलावा, बहुत से लोगों ने इसे निर्दयी फैसला बताया क्योंकि इसके तहत कथित तौर पर सभी लोगों को मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।
https://twitter.com/rohini_sgh/status/1319177245890469889?ref_src=twsrc%5Etfwअपना प्रलाप जारी रखते हुए इन्हीं लोगों ने कहा कि ऐसे में पीएम केयर्स फंड की क्या उपयोगिता है?
https://twitter.com/rohini_sgh/status/1319173534275366912?ref_src=twsrc%5Etfwजैसा कि पत्रकार महोदया को इस संबंध में जानकारी नहीं थी और वह ऐसे अहम मामलों की जानकारी रखती भी नहीं होंगी, भारत में वैक्सीन निर्माण की प्रक्रिया पीएम केयर्स फंड की मदद से ही की जा रही है।
इसके बाद कॉन्ग्रेस समर्थक ट्रॉल्स की कल्पनाएँ भी हवा से बातें करने लगी और उनका आदतन प्रलाप शुरू हो गया। उनका कहना था कि क्या चुनाव के समयानुसार वैक्सीन की उपलब्धता तय होगी।
https://twitter.com/AdityaMenon22/status/1319174627801722883?ref_src=twsrc%5Etfwइसी तरह अन्य ट्रॉल्स ने गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से आम नागरिकों को मुफ्त कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने की बात कही।
https://twitter.com/shilpitewari/status/1319161536061927424?ref_src=twsrc%5Etfwहालाँकि यह मसला है भी नहीं, भारत में टीकाकरण कुछ इस तरह काम करता है:
राज्य सरकार का विषय है टीकाकरण
भारतीय जनता पार्टी आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने इस बात की जानकारी ट्विटर पर साझा की। उन्होंने बताया कि कोरोना का टीका उपलब्ध कराना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है –
https://twitter.com/amitmalviya/status/1319183867199299585?ref_src=twsrc%5Etfwउन्होंने बताया कि अन्य रोग प्रतिरोधक क्षमता से जुड़ी योजनाओं की तरह भारत सरकार राज्य सरकारों को कम से कम दामों पर टीका उपलब्ध कराएगी। इस दायरे में भाजपा शासित और गैर भाजपा शासित दोनों तरह के राज्य आते हैं इसलिए यह राज्य सरकार की मर्ज़ी है कि वह वैक्सीन के लिए रुपए लेते हैं या नहीं। टीका (वैक्सीन) राज्य सरकार का विषय है इसलिए भाजपा सरकार ने घोषणा पत्र में वादा किया है कि सरकार बनाने पर राज्य के लोगों को मुफ्त में टीका उपलब्ध कराएँगे। ठीक इसी तरह गैर भाजपा शासित प्रदेश जैसे दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल यह निर्णय लेने के लिए स्वच्छंद हैं कि वह अपने नागरिकों को मुफ्त में टीका देना चाहते हैं या नहीं।
इस तुलना लॉकडाउन के दौरान चलाई गई श्रमिक स्पेशल ट्रेन से भी की जा सकती है जो मजदूरों के लिए शुरू की गई थी और इसके ज़रिए मजदूर घर जा सकते थे। भारतीय रेलवे ने इस योजना के तहत ट्रेन चलाने के लिए राज्य सरकारों से कम से कम रुपए लिए थे। यह राज्य सरकारों पर निर्भर करता था कि वह श्रमिक ट्रेन से आने वाले मजदूरों से किस हद तक कीमत वसूलते थे। इसका मतलब यह है कि चुनाव के चलते बिहार को किसी तरह का विशेष प्रावधान नहीं किया गया है। केंद्र सरकार राज्य सरकारों को कम से कम दामों पर वैक्सीन उपलब्ध कराएगी, इसके बाद यह राज्य सरकारों पर निर्भर करता है कि वह इसके लिए कोई कीमत वसूलना चाहते हैं या नहीं।