‘कोविशील्ड वैक्सीन लिया हुआ दूल्हा चाहिए, लड़की ने भी ले रखी है’ – अख़बार में छपा मैट्रिमोनियल एड वायरल – Fact Check

क्या कोविड-19 वैक्सीनेटेड दुल्हन को चाहिए वैक्सीनेटेड दूल्हा? (प्रतीकात्मक चित्र)

सोशल मीडिया पर एक मैट्रिमोनियल एड वायरल हो रहा है, जिसे किसी अख़बार में दिया गया लगता है। अख़बारों के इस सेक्शन में अक्सर ‘वर चाहिए’ और ‘वधू चाहिए’ लिखा होता है और उसमें बताया गया होता है कि वो स्त्री/पुरुष किस जाति-धर्म के होने चाहिए और कैसी होनी चाहिए। इसी तरह के एक वैवाहिक एड में दूल्हे के रूप में ऐसे लड़के की खोज की जा रही है, जिसे कोविशील्ड कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले रखी हो।

लोग पूछ रहे हैं कि क्या सचमुच किसी ने इस तरह का एड दिया है? क्या अब सचमुच लोग देशी एरेंज्ड मैरिज के लिए कोरोना का टीका लिए हुए दूल्हे/दुल्हन की खोज कर रहे हैं? रोमन कैथोलिक समुदाय की महिला द्वारा दिए गए इस एड में बताया गया है कि उसने खुद कोविशील्ड की दोनों खुराक ले रखी है और दूल्हा भी वैक्सीनेटेड होना चाहिए। 24 साल की लड़की ने लिखा है कि वो पोस्ट ग्रेजुएट है, हँसमुख है, धैर्य से काम लेती है और स्वतंत्र है।

इस अख़बार के कटआउट को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। आम लोगों के अलावा शशि थरूर जैसे हाईप्रोफाइल लोगों ने भी इसे शेयर किया। तिरुवनंतपुरम के कॉन्ग्रेस सांसद ने अपने ट्विटर हैंडल से इसे शेयर करते हुए लिखा कि वैक्सीनेटेड लड़की को दूल्हे के रूप में वैक्सीनेटेड लड़का चाहिए। उन्होंने लिखा कि अब मैरिज गिफ्ट के रूप में वैक्सीन के बूस्टर शॉट को प्राथमिकता दी जाएगी और साथ ही पूछा कि क्या अब ये सामान्य हो जाएगा?

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लोगों को ये भी शंका थी कि ये एड सचमुच किसी ने दिया है या फिर किसी ने छेड़खानी की है कंटेंट को वायरल करने के लिए। एक यूजर ने लिखा कि अब मैट्रोमोनियल दुनिया में कोविड-19 वैक्सीन घुस गया है, इसमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए जब कोई इस तरह का एड आए कि शरीर में कोविड-19 का एंटीबॉडी विकसित कर चुके दूल्हे को ऐसी दुल्हन चाहिए, जिसके शरीर में प्रचुर मात्रा में कोविड-19 एंटीबॉडी हो।

‘शादी के लिए कोविशील्ड वैक्सीनेटेड दूल्हा चाहिए’ – क्या है एड की सच्चाई?

अब आपको बताते हैं कि इसकी सच्चाई क्या है। असल में ये सब गोवा के ही एक व्यक्ति ने शुरू किया था, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग कोरोना टीकाकरण कराएँ। सविओ फिगुरेईडो नामक व्यक्ति ने फेसबुक पर इसे शेयर किया था और लिखा था कि मैट्रिमोनियल का भविष्य यही है। इसके बाद से इलाके में कोरोना टीकाकरण केंद्रों पर लोग भी ज्यादा पहुँचने लगे। उन्होंने वैक्सीनेशन सेंटर के संपर्क नंबर के साथ इसे फेसबुक पर डाला था।

‘इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर के अनुसार, 58 वर्षीय सविओ ने बताया कि ये एड वास्तविक नहीं है और उन्होंने ही इसे क्रिएट किया था, ताकि लोगों को जागरूक कर सकें। उन्होंने कहा कि उनके आश्चर्य का तब ठिकाना न रहा, जब कोलकाता, ओडिशा और मंगलुरु से उनके पास फोन कॉल आने लगे। लोगों ने इसे असली माना और उनके पास फोन कॉल्स आने लगे। हालाँकि, ये सकारात्मक सन्देश एक बड़े वर्ग तक पहुँचे, इसके लिए वो खुश हैं।

इसी फेसबुक पोस्ट के साथ शुरू हुआ था इस तस्वीर का वायरल होना

उन्होंने बताया कि उनके मन में इस तरह का एड क्रिएट करना करने का ख्याल इसीलिए आया, क्योंकि उन्होंने कई अपनों को कोरोना के कारण खोया है। उन्होंने बताया कि अपने कई करीबियों से वो वैक्सीन लेने की मिन्नतें करते रहे, लेकिन उन्होंने बात नहीं मानी और उनमें से कुछ की कोरोना के कारण मौत भी हुई। उन्होंने बताया कि किसी अपने को खोने के बाद वो दूसरों को उत्साहित करना चाहते थे, इसीलिए लगातार फोन कॉल्स आने से भी वो परेशान नहीं हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया