Friday, April 19, 2024
Homeदेश-समाज3,13,363 किसानों ने किया तीनों कृषि कानूनों का समर्थन: कृषि मंत्री को सौंपा ज्ञापन...

3,13,363 किसानों ने किया तीनों कृषि कानूनों का समर्थन: कृषि मंत्री को सौंपा ज्ञापन पत्र

किसान दिवस के अवसर पर ग्रामीण भारत के कई एनजीओ के प्रतिनिधियों के साथ कृषि मंत्री ने बैठक की। इन प्रतिनिधियों ने कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर को कृषि कानून के समर्थन में एक लाख गाँवों के 3,13,363 किसानों के हस्ताक्षर वाले समर्थन पत्र सौंपे है।

तीनों कृषि कानूनों के विरोध में सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसानों का धरना-प्रदर्शन बुधवार (23 दिसंबर, 2020) को 28 वें दिन में प्रवेश कर गया है। वहीं अब इस विरोध प्रदर्शन के बीच कृषि कानून के समर्थन में 20 राज्यों के 3,13,363 किसान सामने आए हैं।

दरअसल, किसान दिवस के अवसर पर ग्रामीण भारत के कई एनजीओ के प्रतिनिधियों के साथ कृषि मंत्री ने बैठक की। इन प्रतिनिधियों ने कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर को कृषि कानून के समर्थन में एक लाख गाँवों के 3,13,363 किसानों के हस्ताक्षर वाले समर्थन पत्र सौंपे है।

किसानों के समर्थन की जानकारी देते हुए तोमर ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में 6 साल में काफी सुधार किए गए हैं। देश में दो परिस्थितियाँ हैं। किसानों का अधिकांश भाग इन कानूनों का समर्थन कर रहा है। आज सभी किसान चिंतकों की टोली आई है। देश भर में कानून पास होने के बाद 3 लाख से ज्यादा किसानों के हस्ताक्षर मिले हैं।

कृषि मंत्रालय के कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग ने बुधवार को बताया कि किसान दिवस के अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में ग्रामीण भारत के गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने बैठक की।

बता दें कि कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर को पत्र देते हुए किसानों ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानून पूरी तरह किसानों के हित में हैं। वे इन कानूनों का समर्थन करते हैं और वे इन बिलों को वापस लेने वाले माँग के खिलाफ है।

गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों को लेकर प्रदर्शन कर रहे पंजाब और हरियाणा के परेशान किसान जिंदगी का असली मजा लेते हुए देखे जा रहे हैं। जिस तरह की तस्वीरें धरना प्रदर्शन स्थलों से आ रही हैं, ऐसा लगता नहीं है कि ये किसान जल्दी ही किसी नतीजे पर पहुँचने के मूड में हैं।

हाई-टेक मसाज और टैटू पार्लर, जिम लंगर, लाइब्रेरी, पिज्जा और बिरयानी के बाद, अब कुछ ऐसे वीडियो सामने आए हैं, जहाँ प्रदर्शनकारी किसान अपने ट्रैक्टरों में आराम से बैठे टेलीविजन देख रहे हैं। यही नहीं, अपने टीवी देखने के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए, ‘किसानों’ ने ‘टाटा स्काई’ भी लगावा लिया है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कौन थी वो राष्ट्रभक्त तिकड़ी, जो अंग्रेज कलक्टर ‘पंडित जैक्सन’ का वध कर फाँसी पर झूल गई: नासिक का वो केस, जिसने सावरकर भाइयों...

अनंत लक्ष्मण कन्हेरे, कृष्णाजी गोपाल कर्वे और विनायक नारायण देशपांडे को आज ही की तारीख यानी 19 अप्रैल 1910 को फाँसी पर लटका दिया गया था। इन तीनों ही क्रांतिकारियों की उम्र उस समय 18 से 20 वर्ष के बीच थी।

भारत विरोधी और इस्लामी प्रोपगेंडा से भरी है पाकिस्तानी ‘पत्रकार’ की डॉक्यूमेंट्री… मोहम्मद जुबैर और कॉन्ग्रेसी इकोसिस्टम प्रचार में जुटा

फेसबुक पर शहजाद हमीद अहमद भारतीय क्रिकेट टीम को 'Pussy Cat) कहते हुए देखा जा चुका है, तो साल 2022 में ब्रिटेन के लीचेस्टर में हुए हिंदू विरोधी दंगों को ये इस्लामिक नजरिए से आगे बढ़ाते हुए भी दिख चुका है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe