Saturday, November 23, 2024
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Man Vs Wild: इमरान ने बेयर ग्रिल्स को बुलाया, स्वागत में चीनी बम के साथ खड़े थे लश्कर के आतंकी आका!

बेयर ग्रिल्स को पाकिस्तानियों ने बताया कि दूसरे देशों में जहाँ शिक्षित होने के बाद युवा महानगरों और बड़े शहरों में चले जाते हैं, पाकिस्तान के युवा इतने पर्यावरण-प्रेमी हैं कि उनमें से अधिकतर अपनी शिक्षा-दीक्षा पूरी करते ही 'ख़ास ट्रेनिंग' के लिए जंगलों का रुख करते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेयर ग्रिल्स के साथ जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में कुछ पल गुजारे और इसका वीडियो लोकप्रिय टीवी कार्यक्रम ‘Man Vs Wild’ के एपिसोड के स्कवरी चैनल पर सोमवार (अगस्त 12, 2019) को दुनिया भर में प्रसारित किया गया। इस एपिसोड में पीएम मोदी ने बेयर ग्रिल्स के साथ नाव की सवारी भी की। सबसे ख़ास बात यह कि इस नाव को ग्रिल्स द्वारा मौके पर ही बनाया गया था। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने अपने बचपन के दिनों और प्रकृति से अपने जुड़ाव को याद करते हुए कई किस्से सुनाए।

अब ख़बर आई है कि पाकिस्तान भी पीएम मोदी की सोच से प्रभावित होकर ऐसा ही कुछ करने वाला है और इसके लिए वहाँ के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने बेयर ग्रिल्स के पास रिक्वेस्ट भी भेजी है। बेयर ग्रिल्स इस बात को लेकर आशंकित थे कि इमरान इसके लिए पाकिस्तान का कौन सा जगह चुनेंगे। लेकिन, पाकिस्तानी अधिकारियों ने एक बैठक के बाद तय किया कि असली पाकिस्तान को दुनिया से रूबरू कराने और पर्यटन उद्योग को नया जीवन देने के लिए मुजफ्फराबाद के जंगलों से ज्यादा अच्छी कौन सी जगह हो सकती है?

फिर क्या था, कार्यक्रम की तैयारी का जायजा लेने के लिए बेयर ग्रिल्स खुद मुजफ्फराबाद पहुँचे। वहाँ के जंगलों में उन्हें रिसीव करने के लिए लश्कर-ए-तैयबा, हिज़्बुल मुजदिद्दीन और जमात-उल-दावा के आतंकी आका पहुँचे। बेयर ग्रिल्स को आतंकी कैम्पों की ख़ूबसूरती से परिचित कराया गया। इस ख़ास अवसर पर कैम्पों को नई-नई एके-47 की बंदूकों, चीन में निर्मित बम के गोलों और पड़ोसी देशों में निर्यात करने हेतु तैयार किए गए पत्थरों से सजाया गया।

इसके बाद बेयर ग्रिल्स को मुजफ्फराबाद के सबसे बड़े संस्थान शवाई नाला कैम्प में ले जाया गया। बेयर ग्रिल्स भी तपाक से कुछ ऐसे लोगों के बारे में पूछ बैठे, जिन्होंने इस कैम्प से निकल कर दुनिया भर में नाम कमाया हो। इसके बाद बेयर ग्रिल्स को जकीउर रहमान लखवी, डेविड हेडली और अबू जुंदाल का नाम बताया गया। बेयर ग्रिल्स तब बेहोश होते-होते बचे कि डेविड हेडली से मिलने के लिए उन्हें अमेरिका के जेल में जाना पड़ेगा। खैर, बेयर ग्रिल्स ने मुजफ्फराबाद की भौगोलिक परिस्थितियों को परखना शुरू किया।

बेयर ग्रिल्स ने कैम्प के निवासियों से पूछा कि उनके लिए यहाँ सबसे बड़ी चुनौती क्या है? इसके बाद पाकिस्तानी आकाओं व अधिकारियों ने ग्रिल्स को बताया कि भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियों की नज़रों से बचना उनके लिए सबसे कठिन चुनौती है। पाकिस्तान के आतंकी आकाओं ने बताया कि आसपास के क्षेत्र में कभी भी ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ नामक तूफ़ान आ जाया करता है, जिसके कहर से बचना काफ़ी मुश्किल है। इसके अलावा उन्होंने सीमा पार करने में होने वाली कठिनाई से बेयर को वाकिफ कराया।

इतने बड़े सर्वाइवल इंस्ट्रक्टर होने के बावजूद बेयर ग्रिल्स इस बात से चिंतित हो गए कि उन्होंने सभी प्रकार की कठिनाइयों से बचने का रास्ता तो खोज निकला है लेकिन ये पाकिस्तानी जिस तूफ़ान का जिक्र कर रहे हैं, वह क्या बला है? बेयर ग्रिल्स को पाकिस्तानियों ने बताया कि दूसरे देशों में जहाँ शिक्षित होने के बाद युवा महानगरों और बड़े शहरों में चले जाते हैं, पाकिस्तान के युवा इतने पर्यावरण-प्रेमी हैं कि उनमें से अधिकतर अपनी शिक्षा-दीक्षा पूरी करते ही ‘ख़ास ट्रेनिंग’ के लिए जंगलों का रुख करते हैं।

बेयर ग्रिल्स पाकिस्तान के पर्यावरण प्रेम से अचंभित नज़र आए। यूनिवर्सिटी और बड़े कॉलेजों के स्नातक लोग भी उन्हें पाकिस्तान के जंगलों में मिले। उन्होंने इस पर रिसर्च करने की ठानी है कि बाकी देशों के युवा पढ़ाई पूरी होने के बाद बड़े शहरों का रुख क्यों करते हैं, जबकि पाकिस्तान में कई शिक्षित लोग जंगलों, गुफाओं और पर्यावरण के नजदीक बने कैम्पों में जीवन व्यतीत करते हैं। बेयर ग्रिल्स को इसके बाद एक तबाह बिल्डिंग दिखी, जिससे उनकी उत्सुकता फिर से जाग उठी।

पाकिस्तानी अधिकारियों ने बेयर को बताया कि इस बिल्डिंग में चीन से लाए जाने वाले बमों को रखा जाता है। चूँकि वे चीन में निर्मित होते हैं, वे अपने-आप कहीं भी ब्लास्ट होने की क्षमता रखते हैं। यही कारण है कि मुजफ्फराबाद के कई बिल्डिंग्स आज जर्जर हालत में आ चुके हैं। वैसे फिलहाल बेयर ग्रिल्स ने पाकिस्तान में कार्यक्रम शूट करने की योजना कैंसिल कर दी है, क्योंकि उन्हें लगता है कि ये देश पहले से ही भूखे-प्यासे सर्वाइव करने में सक्षम है और उन्हें कुछ सीखने की जरूरत नहीं।

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अनुपम कुमार सिंह
अनुपम कुमार सिंहhttp://anupamkrsin.wordpress.com
भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है। पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।

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