अपनी पार्टी की अक्षमता को पहचानते हुए कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने बयान दिया है कि भाजपा को हराने के लिए कॉन्ग्रेस को किसी विपक्षी पार्टी का हाथ थामना ही पड़ेगा।
वैसे ये पहली बार नहीं है जब जाधवपुर यूनिवर्सिटी गलत कारणों से सुर्ख़ियों में आया हो। इस से पहले भी कई विवादित वजहों से जाधवपुर यूनिवर्सिटी ख़बरों में आता रहा है।
आरक्षण की नई व्यवस्था उन दाखिलों और नौकरियों पर भी लागू की जाएगी, जिनका विज्ञापन 14 जनवरी से पहले जारी तो हुआ हो लेकिन उसकी वास्विक प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है
इस से पहले BBC को भी हमारे फ़ैक्ट-चेक के बाद अपनी रिपोर्ट एडिट करनी पड़ी थी। एक अलग मामले में 'द वायर' को भी हमारे फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट के बाद अपनी स्टोरी को एडिट करना पड़ा था।
भारतीय संस्कृति में हम साल के इस नए पड़ाव का, जब हमारे पास सर्वाधिक सौर ऊर्जा होती है, हम इसे ‘मकर संक्रांति’ के रूप में मनाते हैं। इसलिए हम सूरज का स्वागत करते हैं।
आधिकारिक सूत्रों के हवाले से मैं ये कह सकता हूँ कि जब-जब केजरीवाल जी ने पार्टी की खातिर अपने चेहरे को आगे किया है, पार्टी के खाते में पैसे बढ़े हैं। आप एक थप्पड़ मारिए, लोग 85 लाख रुपया दान कर देते हैं।
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर चल रहे विवाद में अब राहुल गाँधी ने अपने शुरुआती रुख में बदलाव किया है। उन्होंने कहा कि वो इस बारे में कोई स्पष्ट राय नहीं रखते
"जिस तरह से अच्छी फसल के लिए अच्छे बीज और बारिश की जरूरत होती है, ठीक वैसे ही राजनीतिक ज़मीन को भी तैयार करना पड़ता है। ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत हो, यही जीतने का मंत्र है"
सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय द्वारा इसके नियम एवं शर्तों को अंतिम रूप देने के साथ ही ये क़ानून लागू हो जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में करीब एक हफ़्ता लगने की उम्मीद है
'गुरु गोबिंद सिंह एक महान योद्धा, दार्शनिक, कवि और गुरु थे। उन्होंने अत्याचार और अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उनकी शिक्षा हमेशा धर्म और जाति की बेड़ियों को तोड़ने के लिए रही'
अखिलेश का कहना है कि इस गठबंधन का बीज तो उसी दिन रख दिया गया था, जब भाजपा के नेताओं ने मायवती जी को अपमानित करना शुरू किया था,और बीजेपी ने उन्हें सज़ा देने की बजाए उन्हें मंत्री पद पर बिठा दिया।
आपके इन सर्कास्टिक प्रयोगों से ऐसा लगता है कि अगर किसी के पास सोशल मीडिया पर उसके पाठक पहले से तैयार हों, तो वो भारी तादाद में नागरिकों को देश के प्रति भड़का और बरगला सकते हैं।
माया-अखिलेश दो राज्यों में तो कॉन्ग्रेस के साथ सत्ता भोगेंगे लेकिन यूपी में उसके ख़िलाफ़ ताल ठोकेंगे। महागठबंधन की खिचड़ी और यश चोपड़ा की क्लासिक फ़िल्म सिलसिला में बहुत कुछ समान है
जिन पत्रकारों ने इस मुद्दे पर लिखा है, उनमें से किसी ने भी (उस महिला पत्रकार को छोड़कर, जिसने एक मिनट से भी कम बात की) जस्टिस सिकरी या जस्टिस पटनायक से संपर्क नहीं किया, न ही करने की कोशिश की
लोक संस्कृति की मनोरम झाँकियाँ देखनी हो, लोकगीतों की ताल पर झूमना हो तो पधारिए 'संस्कृति कुम्भ' जो अपनी पूरी भव्यता के साथ प्राचीन से नवीन भारत की तमाम खूबियों को समेटे आपकी राह देख रहा है।
पीएम पर कटाक्ष करते समय जिग्नेश मेवानी स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के बीच का अंतर भूल गए। अपने ट्वीट में जिग्नेश ने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री 26 जनवरी के लिए भी कुछ बोलना बाक़ी रखेंगे?
राहुल गाँधी ने कहा कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रोन ने खुद (रिलायंस के ऑफसेट पार्टनर के बारे में ) उनसे कहा था। मगर फ्रांसीसी सरकार ने इससे इनकार कर दिया।
2014 में PM मोदी जब अमेरिकी दौरे पर गए थे, तब तुलसी गबार्ड ने अपनी पारिवारिक भगवद्गीता उन्हें भेंटस्वरूप दी थी। तुलसी जब अमेरिकी कॉन्ग्रेस में शपथ ले रही थीं, तब भी हाथ में उन्होंने गीता पकड़ी हुई थी
प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीति तर्कों के धरातल पर होती है, ये पहली बार है जब राजनैतिक पार्टियाँ एक दूसरे के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार हैं, वो भी सिर्फ एक व्यक्ति को हराने के लिए।
मथुरा के कोसीकलाँ कस्बे में 'किसानों से संवाद' कार्यक्रम के दौरान एक जनसंवाद रैली को संबोधित करते हुए अजीत सिंह ने स्मृति ईरानी को 'हट्टी-कट्टी गाय' बता दिया।
अनुमान लगाया जा रहा है कि ये पूर्व आईएस अधिकारी फै़सल राजनीति को ज्वाइन करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अबदुल्लाह ने उनका इस्तीफ़ा देने के बाद स्वागत भी किया है।
फ़िल्म ने कॉन्ग्रेस के विरोध प्रदर्शनों के बावज़ूद पहले ही दिन बॉक्स ऑफ़िस पर 3 करोड़ रुपए से भी अधिक की कमाई की। वीकेंड्स पर इसकी कमाई में और उछाल आने की सम्भावना है
अमित शाह ने कहा कि इस युद्ध में एक तरफ सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और गरीब कल्याण की विचारधारा है जबकि दूसरी तरफ स्वार्थ और सत्ता के लिए एकजुट लोगों का जमघट है, जिनके पास ना ही कोई नेता है और ना ही कोई नीति
PM मोदी और जस्टिस सीकरी ने सीवीसी रिपोर्ट को पढ़ने के बाद आलोक वर्मा को पद से हटाने का फ़ैसला किया जबकि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इन दोनों के फ़ैसले पर अपनी आपत्ति दर्ज़ की
चूँकि आप गोमांस खा सकती हैं, तो क्या कल आप संविधान के मौलिक अधिकारों का हवाला देकर किसी मंदिर के गर्भगृह में बैठकर गोमांस खाएँगी? क्योंकि आपके तर्क के अनुसार यह भी लिखा जा सकता है कि इक्कीसवीं सदी के भारत में मंदिरों में मन का भोजन खाने पर पाबंदी हैं।