धान को गेंहूँ कहने वाले पत्रकार अभिसार शर्मा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को थप्पड़ मारे जाने को लेकर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है। कोई भी अच्छा नागरिक इस घटना की निंदा करेगा। जब विधायकों द्वारा अरविन्द केजरीवाल को पीटे जाने की ख़बर आई थी, तब सबने उसकी निंदा की थी। लेकिन, इस बार केजरीवाल को फिर से कैमरे के सामने एक शख़्स ने लप्पड़ मारा। संवैधानिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति को इस तरह मारे जाने की अभिसार शर्मा ने निंदा की लेकिन इस दौरान वो कुछ भूल गए, जो हम आपको आज याद दिलाने वाले हैं। सबसे पहले नीचे वह ट्वीट देखिए कि कैसे अभिसार केजरीवाल की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
जितना जहर सियासत मे भर दिया गया है ,बेहतर होगा के मुख्यमंत्री की सुरक्षा दुरुस्त की जाये । किसी व्यक्ति की भक्ति अगर आप से हिंसा करवाये तो समझ जाइये के आप गलत रास्ते पर हैं । pic.twitter.com/fYynaYsCAw
— Abhisar Sharma (@abhisar_sharma) May 4, 2019
अब आते हैं अभिसार शर्मा के असली चेहरे की ओर। आपको याद होगा जब आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह ख़ान ने मंच पर दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी को धक्का दिया था। अरविन्द केजरीवाल को झापड़ पड़ने की निंदा करने वाले अभिसार शर्मा ने मनोज तिवारी को धक्का दिए जाने की भी निंदा की होगी, है या नहीं? अगर आप ऐसा सोच रहे हैं तो आप ग़लत हैं। दरअसल, अपने दोहरे रवैये के लिए जाने जाने वाले अभिसार ने उस समय मनोज तिवारी का मज़ाक उड़ाया था। इसके लिए उन्होंने मनोज तिवारी के ही गाने ‘रिंकिया के पापा’ का प्रयोग किया था। नीचे वाले ट्वीट में आप उनके दोहरे रवैये के साथ ही उनके घटियापन को भी देख सकते हैं।
काहे मारा धक्का रिन्किया के पापा को रे । https://t.co/UADG8UA52A
— Abhisar Sharma (@abhisar_sharma) November 4, 2018
ट्रेंड की बॉडी में हेडलाइट खोजने वाले अभिसार शर्मा जैसे पत्रकार उस समय तो नाराज़ होते हैं जब इनके ‘अपने’ को थप्पड़ पड़ता है लेकिन जब भाजपा के नेताओं के साथ दुर्व्यवहार होता है तो इनकी बाँछें खिल जाती हैं और ये मज़ाक के मूड में आ जाते हैं। अभिसार शर्मा ने भी अन्य गिरोह विशेष के पत्रकारों की तरह उसी रवैये का परिचय दिया।
होना तो यह चाहिए कि किसी भी तरह के हिंसा को जायज ठहराना, या इसकी आड़ में किसी का मजाक बनाना दोनों गलत है। यह आपकी ओछी मानसिकता को भी दर्शाता है।