Friday, April 19, 2024
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यूट्यूब अदालत में बैठे स्वघोषित जज अभिसार शर्मा का नया प्रपंच, नहीं पच रहा कठुआ का फैसला

कोर्ट ने कहा, "ज़ी न्यूज़ द्वारा जो ज़रूरी प्रयास किए गए खासतौर से ज़ी के मुख्य संपादक और उनके स्टॉफ प्रशंसा के पात्र हैं क्योंकि उनकी टीम ने अथक प्रयास कर सच्चाई को बाहर ले आए।"

पठानकोट कोर्ट ने कठुआ रेप केस में सोमवार (जून 10, 2019) को अपना फैसला सुना दिया है। इस मामले में रेप और मर्डर के आरोपितों को आजीवन कारावास और तीन को सबूत मिटाने के जुर्म में 5-5 साल की सजा सुनाई है। इनमें से एक आरोपित विशाल जंगोत्रा को सभी आरोपों से कोर्ट ने बरी कर दिया है।

जंगोत्रा की रिहाई में ज़ी न्यूज़ द्वारा प्रसारित किए गए CCTV फुटेज और दूसरे एविडेंस का बड़ा योगदान है। प्रमाणों से यह साफ हो गया था कि इस पूरी घटना के दौरान जंगोत्रा कठुआ में मौजूद नहीं था। यहाँ समस्या उसका रिहा होना नहीं है बल्कि कुछ पत्रकार कोर्ट के फैसले के बावजूद इस तथ्य को पचा नहीं पा रहे हैं।

ऐसे ही एक अपच वाले पत्रकार अभिसार शर्मा, जो खुद से असहमत लोगों के खिलाफ अपनी नफ़रत की वजह से भी जाने जाते हैं, ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो पोस्ट कर प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाते हुए खुद फेक न्यूज़ पेडल करने के बावजूद ज़ी न्यूज़ पर यह आरोप लगाते पाए गए कि ज़ी न्यूज़ ने जंगोत्रा को बचाने के लिए कुछ झूठे सबूत गढ़े हैं।

अभिसार शर्मा ने अपने नाटकीय अंदाज में ज़ी न्यूज़ के रिपोर्ट को ‘ड्रामा’ कहा जो जाँच एजेंसियों द्वारा ‘गलत’ पाया गया। जबकि सच्चाई इससे बिलकुल अलग है पठानकोट कोर्ट ने ज़ी न्यूज़ के प्रयासों की प्रशंसा की है। जिसकी वजह से सबूतों को बल मिला।

कोर्ट ने कहा, “ज़ी न्यूज़ द्वारा जो ज़रूरी प्रयास किए गए खासतौर से ज़ी के मुख्य संपादक और उनके स्टॉफ प्रशंसा के पात्र हैं क्योंकि उनकी टीम ने अथक प्रयास कर सच्चाई को बाहर ले आए।” इस फैसले में ज़ी द्वारा दिखाए गए सबूतों का बड़ा योगदान है, इसे कोर्ट ने अपने फैसले में स्वीकार किया है।

मीडिया के कुछ खास वर्गों में अपने पहले से चलाए गए नैरेटिव के अनुसार विशाल जंगोत्रा को अपराधी घोषित करने की कुछ ज़्यादा ही जल्दबाजी थी। द प्रिंट ने तो कोर्ट से पहले ही सभी को अपराधी घोषित करते हुए यह भी बता दिया कि उन्हें इतनी सजा मिली। यहाँ तक कि स्वघोषित फैक्ट चेकर AltNews ने भी उससे असहमत दूसरों पर अटैक करते हुए विशाल जंगोत्रा को अपराधी घोषित कर अपना फैसला सुना दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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