स्वघोषित लिबरलों और पत्रकारिता के समुदाय विशेष को कितना जोर का सदमा धीरे से लगा है एग्जिट पोल से, यह परत-दर-परत निकल रहा है। पहले तो एग्जिट पोल के आने से पहले ही उन्हें नकारने की कसरत शुरू हो गई, फिर ABP-Nielsen के इकलौते सर्वे जिसमें एनडीए का बहुमत कम होता दिखा, उसे ही सबसे ‘क्रांतीकारी’ प्रचारित कर डूबती नब्ज़ संभालने का प्रयास किया गया। और अब लिबरल महिला रेवती लौल एग्जिट पोल करने की बात को ही ‘मर्दों का नंबरों से खेल अपने पुरुष-अहं को तुष्ट करना’ करार दे रहीं हैं।
एनडीटीवी के शो पर की यह अजीब बात
एनडीटीवी पर रवीश कुमार के एग्जिट पोल के बाद वाले शो पर चर्चा समाप्त करते हुए रेवती ने कहा, “… मैं इस बात के साथ एन्ड करना चाहती हूँ कि जब 23 तारीख को हमें पता चलना ही है और एग्जिट पोल, एग्जिट पोल है ही नहीं तो हम कर क्या रहे हैं? (हम) इस अंजुमन में आते हैं क्यों बार-बार? वो इसलिए क्योंकि ये पुरुषार्थ है…” यहाँ तक तो तब भी ठीक था। आगे उन्होंने ‘पुरुषार्थ’ की बड़ी ही अजीब परिभाषा भी बताई। “और हम, हमें नंबरों… पुरुष, सिर्फ पुरुष नंबरों के साथ खेलें कि मैं बड़ा हूँ या मैं बड़ा हूँ, मैं बड़ा हूँ या मैं बड़ा हूँ… क्यों कर रहे हैं हम ये? एक बुनियादी सवाल इससे ये है कि हम… जो लोग, जिनमें बहुत ज्यादा डर है, उसके बावजूद कुछ लोग कह रहे हैं कि हमें ये सरकार पसंद नहीं है उसका मतलब है वो… यही बड़ी बात है। यही आँकड़ा मेरे लिए मायने रखती है। एग्जिट पोल जाए भाड़ में!”
I understand liberals are upset with exit poll numbers, but why say unscientific and regressive stuff?
— Abhishek (@AbhishBanerj) May 20, 2019
Here some liberal says that people do exit polls because of “purushartha”… because men apparently like to play with numbers…
Mam you are diminishing both men & women. pic.twitter.com/AoHM5Y8Xnw
जब अपनी सुविधा हो तो लिबरल गैंग न केवल पुरुषों को ‘नंबर-नंबर रटने वाले’ के रूप में स्टीरियोटाइप कर सकता है, बल्कि साथ में उसे उनकी ‘मेल ईगो’ से भी जोड़ सकता है। और यही बात अगर किसी दक्षिणपंथी (खासकर कि पुरुष दक्षिणपंथी) ने कह दी होती तो वह लाख अपनी बात के पक्ष में तर्क पेश कर-कर के मर जाता लेकिन उसकी ऑनलाइन मॉब-लिंचिंग हो गई होती और महिला आयोग तक उसे घसीट लिया जाता।
और तो और, कहाँ से, किस आधार पर यह नैरेटिव चल रहा है कि ‘लोगों में डर है’? चेहरा बचाने के लिए और नैतिक जीत का दावा करने के लिए लिबरल गैंग को नए बहाने तलाशने शुरू कर देने चाहिए।