सोशल मीडिया पर हाल ही में कुछ स्तंभों की तस्वीरें वायरल हुई थी। ये मंदिर के नक्काशी वाले प्राचीन स्तम्भ की तरह दिख रहे थे। एक गंदे नाले के ऊपर इन्हें देख कर लोग काफी आक्रोशित हो गए थे। इस पत्थर पर कुछ नक्काशियाँ थीं जिन पर कुछ आकृतियाँ नजर आ रही हैं। दक्षिण भारत के कई प्राचीन मंदिरों पर लगे स्तम्भों पर भी ऐसे चित्र देखे जाते हैं। लोगों का दावा किया था कि यह तमिलनाडु के काँचीपुरम स्थित पेरिया के पास की तस्वीरें हैं।
1 Sri. Aravind-Visited the place physically@par_the_nomad-Sri Prakash-Requested Sri Aravind@ImAssassin7-Sri Ramanathan-Shared info to Sri Prakash
— Rangarajan Narasimhan (@OurTemples) December 30, 2020
Are the ones who deserve to be credited on Kanchipuram Pillar issue.I did a postman job.But shamelesly national party taking credit pic.twitter.com/jjuG5rpWlU
वहीं अब इस मामले पर शिकायतकर्ता रामनाथन ने आगे की जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि मामले को एएसआई के संज्ञान में लाया गया। इसके बाद उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए उस स्थान का दौरा किया जहाँ स्तंभ रखे हुए थे। फिलहाल स्तंभ को सरकार ने अपनी कस्टडी में ले लिया है और उसे नाले से उठवा कर कलक्टर ऑफिस में रखवा दिया गया है।
शिकायतकर्ता रामनाथन ने बताया कि उन्होंने और दिल्ली बाबू नाम के शख्स ने मामले को लेकर एएसआई के पास एक एफआईआर भी दर्ज कराई है। जिसमें उन्होंने स्तंभों के प्राचीन साक्ष्यों, यह कब और कैसे नाले के ऊपर पहुँची इसका पता लगाने की माँग की है। ऑपइंडिया को नाले पर रखे स्तंभों की कुछ तस्वीरें भी मिली है।
बता दें कांचीपुरम पुलिस मामले की जाँच पड़ताल में जुट गई है। वहीं ASI ने स्तंभों को उसी काल के मंदिरों में रखने की बात कहीं है जिस दौर में उन्हें बनाया गया था।
गौरतलब है कि 27 दिसंबर, 2020 को ‘धर्म रक्षक’ नाम के एक ट्विटर यूजर ने कुछ तस्वीरें ट्वीट करते हुए लिखा था, “ऐतिहासिक शहर काँचीपुरम में, भारत की विरासत (मंदिर के सालों पहले बने स्तंभ) नाले को पार कराने के काम आ रही है।”
वहीं वायरल तस्वीर पर प्रतिक्रिया देते हुए कुछ लोगों ने अनुमान लगाया था कि यह किसी 600 साल पुराने शिव मंदिर के पत्थर लग रहे हैं।
साथ ही कुछ लोगों ने ASI को टैग करते हुए इन तस्वीरों की पुष्टि कर उचित कार्रवाई करने की भी माँग की थी। तस्वीरों से आक्रोशित ट्विटर यूजर्स ने लिखा था कि ASI को मुगलों के किलों से समय निकलकर इन पर ध्यान देना चाहिए।
हिन्दू मंदिरों के बारे में जानकारी देने वाले ‘लॉस्ट टेम्पल’ नाम के ट्विटर अकाउंट ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को इन तस्वीरों के साथ टैग करते हुए लिखा था, “क्या यही हमारी प्राचीन विरासत के प्रति सम्मान है? एक सदियों पुराना स्तम्भ नाले पर पुल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। आदरणीय मुख्यमंत्री, जितनी जल्दी हो सके कृपया कार्रवाई करें।”