केरल की राज्य सरकार ने त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड (Travancore Devaswom Board) में अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय के एक व्यक्ति को मंदिर के पुजारी के रूप में नियुक्त करने का फैसला किया है। यह पहली बार है जब अनुसूचित जनजाति समुदाय के किसी शख्स को बोर्ड के पुजारी के तौर पर नियुक्त किया गया है। 2017 में बोर्ड में 6 दलितों को भी शामिल किया गया था।
त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड राज्य के 1248 मंदिरों की देखभाल और प्रबंधन का जिम्मा संभालता है। फ़िलहाल, पार्ट टाइम आधार पर बोर्ड में 18 एससी (SC) और 1 एसटी (ST) पुजारी की नियुक्ति की गई है। सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा के मंदिर का प्रबंधन भी यही बोर्ड करता आ रहा है। मंदिर बोर्ड, जो कि केरल राज्य की वामपंथी सरकार के अधीन है, एसटी समुदाय के एक व्यक्ति को पुजारी नियुक्त करेगा।
केरल राज्य के पर्यटन और देवास्वोम मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन ने जानकारी दी है कि ये पहली बार है जब राज्य में त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड ने किसी अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय के पुजारी की नियुक्ति का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि बोर्ड फिर से इतिहास रच रहा है और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (SC/ST) वर्ग के 19 व्यक्तियों को त्रावणकोर देवस्वॉम बोर्ड में अंशकालिक शांति अधिकारी के पद पर नियुक्ति के लिए सिफारिश की जाएगी। उन्होंने बताया:
“अगस्त 23, 2017 को अस्तित्व में आई रैंक सूची से त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड में अंशकालिक शांति के पद के लिए अब तक 310 व्यक्तियों का चयन किया गया है। हालाँकि, चूँकि उस समय परीक्षा के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (SC/ST) के पर्याप्त उम्मीदवार नहीं थे, इसलिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए विशेष अधिसूचना के अनुसार तैयार की गई रैंक सूची को अंतर को भरने के लिए बृहस्पतिवार (नवंबर 11, 2020) को प्रकाशित किया गया था। अनुसूचित जनजाति के लिए 4 रिक्तियाँ थीं लेकिन केवल एक आवेदन प्राप्त हुआ था।”
The Devaswom Dept in #Kerala is making it happen again!
— Kadakampally Surendran (@kadakampalli) November 6, 2020
19 candidates from Scheduled Caste & Scheduled Tribe will be appointed as Temple Priest. This is first time in the history of Kerala that candidates from Scheduled Tribes are considered for the position.#LeftAlternative pic.twitter.com/AUp1FAv7wF
उन्होंने ये भी जानकारी दी कि जब से LDF सरकार सत्ता में आई है, भर्ती बोर्ड को पुनर्गठित किया गया है और 474 उम्मीदवारों को त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड में विभिन्न पदों के लिए चुना गया है, कोचीन देवस्वोम बोर्ड में विभिन्न पदों के लिए 325 उम्मीदवारों का चयन किया गया है और 16 उम्मीदवारों का चयन मालाबार देवास्वोम बोर्ड के लिए किया गया है। उन्होंने ये भी बताया कि अब तक तीन देवस्वाम बोर्डों के लिए कुल 815 उम्मीदवारों का चयन किया गया है।
विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने भी 5000 ऐसे पुजारियों को प्रशिक्षित कर विभिन्न मंदिरों में नियुक्त किया है, जो एससी-एसटी (दलित) समुदाय से आते हैं। संगठन के निवेदन के बाद विभिन्न राज्य सरकारों ने भी अपने पैनल में इन पुजारियों को जगह दी है। खासकर दक्षिण भारत में संगठन को इस कार्य में खासी सफलता मिली है। अकेले तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में एससी-एसटी (दलित) समुदाय के 2500 पुजारियों को प्रशिक्षित किया गया है।