अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए ऋषिकेश नीलकंठ पैदल मार्ग पर गुफा में रहने वाले 83 वर्षीय संत स्वामी शंकर दास ने एक करोड़ रुपये का दान दिया है। स्वामी शंकर दास महाराज भी टाट वाले बाबा के नाम से मशहूर है। स्वामी शंकर दास ने अपने गुरु टाट वाले बाबा की गुफा में मिलने वाले श्रद्धालुओं के अनुदान से यह रकम जुटाई थी। स्वामी शंकर दास पिछले 60 वर्षों से गुफा में रह रहे हैं।
जब स्वामी शंकर दास बुधवार (जनवरी 27, 2021) के दिन एक करोड़ रुपए के चेक के साथ ऋषिकेश स्थित भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा पहुँचे, तो वहाँ के कर्मचारी हैरान रह गए। बैंक कर्मचारियों ने संत स्वामी शंकर दास के खातों की जाँच की तो पाया कि उनके चेक सही थे। दान प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आरएसएस के पदाधिकारियों को बुलाया गया।
बुधवार को स्वामी शंकर दास महाराज ने एक करोड़ रुपये का चेक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघ जिला संघचालक सुदामा सिंगल को सौंपा। चेक सौंपते समय स्वामी शंकर दास ने कहा कि उन्होंने यह निधि केवल श्रीराम मंदिर के लिए जमा की थी।
शंकर दास महाराज का जीवन बहुत ही सरल है। उन्होंने अपने जीवन के 60 साल एक गुफा में बिताए हैं। उनके गुरु टाट वाले थे, जो कि महर्षि महेश योगी, विश्व गुरु महाराज और मस्तराम बाबा के समकालीन थे। वेद निकेतन के महामंडलेश्वर स्वामी विजयानंद सरस्वती ने कहा कि बाबा स्वामी शंकर दास महाराज, जिनके पास सिर्फ एक बोरी थी, ने सभी सुख-सुविधाओं को त्याग दिया था। वह पिछले 40 वर्षों से श्री राम मंदिर के लिए पैसा जुटा रहे हैं।
यमकेश्वर प्रखंड के मणिकूट पर्वत की तलहटी पर बसे हुए पौराणिक नीलकंठ महादेव मंदिर में इस गुफा में कई वर्षों से श्रद्धालु आकर दान और चढ़ावा दिया करते थे। इस दौरान टाट वाले बाबा मंदिर के लिए धन संग्रह करते रहे। अब समय आने पर अयोध्या श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए जुटाए जा रहे धन में सन्यासी ने एक करोड़ रूपए समर्पण निधि में दान कर दिए।