मजहबी विवादों के कारण अक्सर चर्चा में रहने वाले केरल राज्य में अब मुस्लिम और ईसाई समूह अपने मतभेदों को फिल्म की आड़ में प्रदर्शित कर रहे हैं। हाल ही में दोनों ही समूहों ने एक दूसरे के पैगंबरों के नाम पर फिल्म रिलीज करने की घोषणा की।
रिपोर्ट के मुताबिक, पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब मॉलीवुड के निर्देशक नादिर शाह ने अपनी फिल्म ‘यीशु: नॉट फ्रॉम द बाइबल’ को निर्देशित करना शुरू किया। इस फिल्म में एक्टर के तौर पर जयसूर्या लीड में हैं। इसी फिल्म ने राज्य के ईसाइयों को गुस्सा दिलाया। नादिर शाह ने दावा किया कि फिल्म में इस्तेमाल हुआ नाम यीशु एक कैरेक्टर है न कि ईसा-मसीह। मगर, ईसाई समूहों ने एक न सुनी।
पूर्व विधायक पीसी जॉर्ज ने नादिर शाह पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि पूरा मॉलीवुड इस्लामी चरमपंथियों द्वारा कंट्रोल किया जा रहा है।
इस विवाद के बावजूद फेसबुक पोस्ट में 2 अगस्त को नादिर शाह ने कहा कि वो अपनी फिल्म का नाम नहीं बदलेंगे। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, “इस फिल्म का ईश्वर के पुत्र जीसस से कोई लेना-देना नहीं है, जिनका मैं बहुत सम्मान करता हूँ। यह सिर्फ एक पात्र का नाम है। इसलिए, हमने, यह देखते हुए कि शीर्षक से ईसाई समुदाय के कुछ प्यारे भाइयों को समस्या है, इस टैगलाइन ‘नॉट फ्रॉम बाइबल’ को हटाने का फैसला किया है।
नादिर शाह ने आगे कहा कि वह ‘सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान’ करने में विश्वास करते हैं और उनके मित्र भी सभी धर्मों के हैं। निर्देशक ने दावा किया कि फिल्म की रिलीज के बाद अगर लोगों की भावनाएँ आहत हुईं, तो उनसे कोई भी सजा स्वीकार की जाएगी।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, नादिर शाह ने फिर कहा, “फिल्म का शीर्षक नहीं बदला जा सकता है। ‘ईशो’ का टाइटल और फर्स्ट लुक तीन महीने पहले जारी किया गया था। उस वक्त कोई भी पोस्टर या टैगलाइन के खिलाफ नहीं आया। हालाँकि, पिछले हफ्ते (जुलाई के अंत) मेरी एक और फिल्म का नया रूप जारी करने के बाद, कई लोगों ने ‘ईशो’ के पोस्टर पर आपत्ति जताई।” मॉलीवुड निर्देशक ने यहाँ तक दावा किया कि शीर्षक उनके ‘क्रिश्चियन’ कैमरामैन रॉबी वर्गीस ने सुझाया था।
उल्लेखनीय है कि इस फिल्म के अलावा नादिर शाह की एक और फिल्म ‘केशु ई वेदिंते नाधन (Keshu Ee Veedinte Nadhan)’ के शीर्षक के लिए भी विवाद है। हालाँकि, उस फिल्म पर भी उन्होंने कहा है कि फिल्म में मुख्य चरित्र का नाम केशवन है और उसका यीशु से कोई लेना-देना नहीं है।
अब नादिर शाह के इसी अड़ियल रवैये के कारण क्रिश्चियन एसोसिएशन एंड अलायंस फॉर सोशल एक्शन (CASA) नाम के एक फेसबुक समूह ने बाल शोषण पर एक लघु फिल्म जारी करने का फैसला किया है। फिल्म का नाम ‘मुहम्मद’ रखा गया है। मालूम हो कि ‘मुहम्मद’ भी इस्लाम के पैगंबर के नामों में से एक है। वैश्विक जागरूकता अभियान के तहत CASA 19 नवंबर यानी विश्व बाल शोषण रोकथाम दिवस पर फिल्म ‘मुहम्मद: द पॉक्सो क्रिमिनल’ रिलीज करेगा।
यह फिल्म असम के डिब्रूगढ़ जिले में एक बांग्लादेशी नागरिक मुहम्मद द्वारा 6 साल की बच्ची के बलात्कार और हत्या पर आधारित है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिल्म की शूटिंग नवंबर के पहले हफ्ते से शुरू होगी और इसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया जाएगा। फिल्म का पोस्टर CASA के फेसबुक पेज ने सोमवार (23 अप्रैल) को एक पोस्ट में जारी किया। ‘मुहम्मद: द पॉक्सो क्रिमिनल’ शीर्षक वाली लघु फिल्म को केरल के ईसाइयों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। एक यूजर ने इसे जबरदस्त आइडिया बताया। वहीं दूसरे ने बताया कि मुहम्मद के आगे ये भी लिखा जाना चाहिए कि ये शब्द कुरान से नहीं लिया गया है। जैसे नादिर शाह की मूवी में है कि यीशु- नॉट फ्रॉम बाइबल लिखा गया है।
उल्लेखनीय है कि प्रतिक्रिया के तौर पर बनाई जाने वाली मुहम्मद फिल्म पर बवाल होने की संभावना है। इससे पहले भी कई बार पैगंबर मुहम्मद के नाम पर बनी फिल्मों पर हंगामा हो चुका है। कुछ साल पहले अमेरिका स्थित कॉप्टिक ग्रुप ने ‘इनोसेंस ऑफ मुसलिम्स’ ऑनलाइन फिल्म का निर्माण किया था, जिसमें पैगंबर मोहम्मद साहब के बारे में ‘अपमानजनक’ बातें कही गई थी।