Tuesday, March 19, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयश्री लंका: गर्भवती फातिमा ने खुद को बच्चों सहित उड़ाया

श्री लंका: गर्भवती फातिमा ने खुद को बच्चों सहित उड़ाया

मुख्यधारा की वामपंथी मीडिया के लेख धमाकों की सोशियोलोजी नापने, धमाकों के बाद ‘लोगों के गुस्से से सहमे (बेचारे?) मुस्लिम समाज’ के प्रति सहानुभूति जताने, इन हमलों की गंभीरता कम कर के दिखाने जैसे मुद्दों से भरे पड़े हैं।

श्री लंका को जेहादी झटके लगने बंद नहीं हो रहे हैं। ईस्टर के बम धमाकों में मरने वालों की बढ़ती संख्या के बीच आत्मघाती हमलावरों में से एक की गर्भवती बीवी ने गिरफ़्तारी से बचने के लिए खुद को बम से उड़ा लिया। वह भी अपने दो बच्चों के साथ। उसके इस हमले में श्री लंका पुलिस के तीन अफसरों को भी अपनी जान गँवानी पड़ी है। वह तीनों आत्मघाती हमलावरों में से दो भाइयों के घर छापा मारने पहुँचे श्री लंका पुलिस के दल का हिस्सा थे।

इंसाफ-इल्हाम इब्राहीम थे धमाकों के मास्टरमाइंड

अब तक आई ख़बरों के मुताबिक श्री लंका में मसालों और ताँबे का व्यापार करने वाले व्यापारी घराने के ये दो भाई ‘गरीब/अनपढ़’ आतंकवादी की छवि के बिलकुल उलट थे। इनमें से इल्हाम तो खुल कर अपनी कट्टरता का प्रदर्शन करता था- यहाँ तक कि वह स्थानीय कट्टरपंथी संगठन नेशनल तौहीद जमात की मीटिंगों में खुल कर हिस्सा लेता था। मगर इंसाफ इब्राहीम अपने आपको उदारवादी दिखाता था। अपने ताँबा कारखाने के कर्मचारियों और अन्य गरीब लोगों की भी भरपूर मदद करता था। धमाकों के केंद्रबिंदु माने जा रहे इन भाइयों के पिता मोहम्मद इब्राहीम को श्री लंका पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है।

‘नैरेटिव-बाजी’ से बाज नहीं आ रहा मीडिया  

चरम-वामपंथी वैचारिकता से ग्रसित मुख्यधारा का मीडिया यहाँ भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। श्री लंका धमाकों के मृतकों, घायलों और पीड़ितों की बजाय वह लोगों का ध्यान बाँटने के लिए मुद्दे खोज रहा है। आप किसी भी मुख्यधारा के मीडियाहाउस की कवरेज खोल कर पढ़ेंगे तो लंबे-चौड़े लेखों में शायद 40% भी पीड़ितों के लिए नहीं छोड़ा है। उनके लेख धमाकों की सोशियोलोजी नापने, धमाकों के बाद ‘लोगों के गुस्से से सहमे (बेचारे?) मुस्लिम समाज’ के प्रति सहानुभूति जताने, इन हमलों की गंभीरता कम कर के दिखाने जैसे मुद्दों से भरे पड़े हैं। यहाँ तक कि और कुछ नहीं मिल रहा तो यही शिगूफा छेड़ा जा रहा है कि कैसे श्री लंका में लगे आपातकाल से वहाँ ‘नागरिक अधिकारों के हनन की संभावना’ है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

केजरीवाल-सिसोदिया के साथ मिलकर K कविता ने रची थी साजिश, AAP को दिए थे ₹100 करोड़: दिल्ली शराब घोटाले पर ED का बड़ा खुलासा

बीआरएस नेता के कविता और अन्य लोगों ने AAP के शीर्ष नेताओं के साथ मिलकर शराब नीति कार्यान्वयन मामले में साजिश रची थी।

क्या CAA पर लगेगी रोक? सुप्रीम कोर्ट में 200+ याचिकाओं पर होगी सुनवाई, बोले CM सरमा- असम में 3-5 लाख प्रताड़ित हिन्दू नागरिकता के...

CM सरमा ने बताया कि असम में NRC की अंतिम सूची जारी होने के बाद लगभग 16 लाख लोगों को इसमें जगह नहीं मिली थी। इसमें 7 लाख मुस्लिम हैं जबकि बाकी कोच-राजबंशी और दास जैसे उपनाम वाले असमिया हिन्दू हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe