दानिश कनेरिया ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) को पक्षपाती रवैए के लिए फिर से आड़े हाथों लिया है। पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज स्पिनर ने कहा है कि पीसीबी का व्यवहार अन्य खिलाड़ियों के साथ सही रहता है। लेकिन जब मेरी बात आती है तो उनका रवैया बदल जाता है।
दानिश कनेरिया ने कहा, “पाकिस्तान क्रिकेट टीम के लिए खेलना मेरे लिए काफी सम्मान की बात रही। एक हिंदू क्रिकेटर होने के बावजूद पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करना और टीम को मैच जिताना मेरे लिए एक अचीवमेंट की तरह है और साथ ही काफी गर्व की भी बात है।”
कनेरिया ने कहा कि लोग उनके ऊपर “रिलीजन कार्ड” खेलने का आरोप लगाते हैं। उन्होंने कहा, “मैंने कभी रिलीजन कार्ड नहीं खेला है। मेरी शिकायत केवल पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और उनके दोहरे रवैये से है। पीसीबी का रवैया बाकी खिलाड़ियों के साथ बहुत अच्छा है, लेकिन जब मेरी बात आती है तो उनका व्यवहार बदल जाता है। मुझे इस बात का काफी दुख है।”
कनेरिया ने उमर अकमल के निलंबन को कम करने के पीसीबी के फैसले पर भी नाराजगी जाहिर की। उमर अकमल को भ्रष्टाचार की रिपोर्ट नहीं करने के लिए फरवरी, 2020 में निलंबित कर दिया गया था। उन्होंने बोर्ड पर निशाना साधते हुए कहा कि भ्रष्ट्राचार में जीरो टोलरेंस की नीति की बात कर उमर अकमल का बैन आधा कर दिया गया। वे दोषी भी साबित हो गए थे। आमिर, सलमान और आसिफ को भी वापसी का मौका मिला। मेरे मामले में ऐसा क्यों नहीं किया गया। मेरे बारे में कहते हैं कि मैं मजहब की बात करता हूँ। पक्षपात सबके सामने दिखता है तो मैं क्यों न बोलूँ।
बता दें अनिल दलपत के बाद, दानिश कनेरिया पाकिस्तान के लिए खेलने वाले दूसरे हिंदू क्रिकेटर हैं। उन्होंने टीम के लिए 18 ODI और 61 टेस्ट मैच खेले हैं। उन्होंने 2018 में स्पॉट फिक्सिंग के मामले को स्वीकारा था। इसके बाद कनेरिया ने बैन हटाने को लेकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से कई बार मदद की गुहार लगाई लेकिन उन्हें कुछ भी हासिल नहीं हुआ। यही वजह है कि कनेरिया दोहरे रवैये को लेकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर लगातार सवाल उठाते रहते हैं।
गौरतलब है कि एक चैट शो में कनेरिया ने खुलासा किया था कि हिंदू होने के कारण पाकिस्तान की टीम के कुछ खिलाड़ी उनके साथ भेदभाव करते थे। उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, पूर्व क्रिकेटरों समेत अन्य देशों से भी मदद की गुहार भी लगाई थी। उन्होंने कहा था, “मेरी हालत बहुत ख़राब है और मैंने पाकिस्तान और दुनियाभर में कई लोगों से मदद की गुहार लगाई है लेकिन अभी तक मुझे कोई मदद नहीं मिली है। हालाँकि, पाकिस्तान में कई क्रिकेटरों की समस्याओं को सुलझाया गया है। मैंने एक क्रिकेटर के नाते पाकिस्तान के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और मुझे इसका गर्व है। मुझे लगता है कि इस वक्त पाकिस्तान के लोग मेरी मदद करेंगे।”