‘काफिर…अपने से काम रख’: अफगानी महिलाओं के लिए जावेद अख्तर का ट्वीट, भड़के कट्टरपंथी

संगीतकार जावेद अख्तर (साभार: द इंडियन एक्सप्रेस)

अफगानिस्तान के हालातों पर संगीतकार जावेद अख्तर के एक बयान ने उन्हें कट्टरपंथियों के निशाने पर ला दिया। जावेद ने लिखा था कि काबुल के मेयर ने जो कार्यरत महिलाओं को घरों में रहने को कहा है इसकी निंदा हर मुस्लिम समूह को करनी चाहिए। इसी ट्वीट के बाद एक विशेष समुदाय के लोग बिदक गए और उन्हें काफिर, नास्तिक आदि कहने लगे।

जावेद अख्तर ने ट्वीट किया था, “अलजज़ीरा ने रिपोर्ट किया है कि काबुल के मेयर ने सभी कामकाजी महिलाओं को घर पर रहने का आदेश दिया है मुझे उम्मीद है कि सभी महत्वपूर्ण मुस्लिम निकाय इसकी निंदा करेंगे क्योंकि यह उनके मजहब के नाम पर किया जा रहा है, वे सभी कहाँ हैं जो कल तक तीन तलाक के बचाव में चिल्ला रहे थे।”

https://twitter.com/Javedakhtarjadu/status/1439791186894458885?ref_src=twsrc%5Etfw

इस ट्वीट को देख अली हाशमी ने लिखा, “तुझे क्या मतलब मजहब से। तू नास्तिक है उस पर ध्यान दे। और रही बात काबुल की तो कामकाजी महिलाओं पर थोड़े समय के लिए ही बैन लगा है और वो भी कुछ क्षेत्रों में। उन्हें पढ़ने दिया जा रहा है, दवाइयों का काम करने दिया जा रहा है। मैं तालिबान को समर्थन नहीं देता लेकिन बस आपकी गलतफहमी दूर करना चाहता हूँ।”

https://twitter.com/AM_Hashmi3/status/1439837970652037124?ref_src=twsrc%5Etfw

अहमद लिखते हैं, “मैंने कभी भी इस काफिर का कोई ट्वीट यूएस द्वारा की गई बमबारी पर नहीं देखा और अब ये ऐसी खबर पर बेचैन है जिसके लिए वे योजना बना रहे हैं और सही तरीका खोज रहे हैं।” आदिल खान कहता है, “तुम केवल अपने देश की महिलाओं की परेशानियों पर फोकस क्यों नहीं कर सकते। तुम्हें दूसरे देशों से क्या है? प्लीज ये तुम्हारा काम नहीं है।”

https://twitter.com/ZubyAdil/status/1439842560365633536?ref_src=twsrc%5Etfw

एक कट्टरपंथी ने लिखा, “बुढ़ापे में अक्सर लोग सठिया जाते हैं। काबुल और अफगानिस्तान से तीन तलाक का क्या लेना-देना। कल इसने भक्त समुदाय को न पसंद आने वाला कुछ कह दिया था। अब उन्हें खुश कर रहा है।”

https://twitter.com/deepzamarrud/status/1439889166603522049?ref_src=twsrc%5Etfw
ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया