सस्ते लोन-EMI पर तीन महीने की छूट, RBI ने कोरोना संकट में खोले राहत के दरवाजे

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (साभार: ANI)

कोरोना वायरस और उसके कारण हुए लॉकडाउन से नुकसान को देखते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री के पैकेज के बाद अब RBI ने कई राहत दी है। लॉकडाउन की वजह से इनकम लॉस हो रहा है और ऐसे में आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती कर ईएमआई और घटने का रास्ता साफ कर दिया है। साथ ही केंद्रीय बैंक ने पहले से चले आ रहे लोन के ईएमआई के भुगतान पर भी 3 महीने का मोरेटोरियम लगा दिया है। इससे तीन महीने तक लोगों को ईएमआई के भुगतान से राहत मिल गई है।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार (मार्च 27, 2020) को घोषणा की कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों, NBFC (हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों सहित) और ऋण संस्थानों सहित सभी वाणिज्यिक बैंकों को 1 मार्च को बकाया सभी ऋणों के लिए किश्तों के भुगतान पर 3 महीने की मोहलत देने की अनुमति दी जा रही है। इसके अलावा सभी लोन देने वाली संस्थाओं को वर्किंग कैपिटल लोन पर ब्याज के भुगतान पर भी 3 महीने की अनमुति दी गई है। 

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने नीतिगत ब्याज दरों में बड़ी कटौती की है। रेपो रेट 0.75 फीसदी की कटौती के साथ 4.4% हो गया है। कटौती के इस ऐलान से लोन की मासिक किस्तें घटेंगी, जो आम लोगों के लिए राहत की बात है। आरबीआई की रेपो रेट कटौती का फैसला ऐतिहासिक है। यह कटौती आरबीआई इतिहास की सबसे बड़ी है। बता दें कि बीते दो मौद्रिक समीक्षा बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट को लेकर कोई फैसला नहीं लिया था।

रेपो रेट कटौती का फायदा होम, कार या अन्य तरह के लोन सहित कई तरह के ईएमआई भरने वाले करोड़ों लोगों को मिलने की उम्मीद है। इसके साथ ही नए लोन लेने वाले ग्राहकों को भी फायदा मिलेगा। वहीं आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में भी 90 बेसिस प्वाइंट कटौती करते हुए 4 फीसदी कर दी है।

आरबीआई गवर्नर ने बताया कि कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर 3 प्रतिशत कर दिया गया है। यह एक साल तक की अवधि के लिए किया गया है। गवर्नर के मुताबिक सभी कमर्शियल बैंकों को ब्याज और कर्ज अदा करने में 3 महीने की छूट दी जा रही है। इस फैसले से 3.74 लाख करोड़ रुपए की नकदी सिस्टम में आएगी। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से डिजिटल बैंकिंग की सलाह दी है। उन्होंने यह भी कहा कि बैंकिंग सिस्टम सुरक्षित और मजबूत है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारतीय बैंकिंग सिस्टम सुरक्षित और मजबूत है। हाल के दिनों में शेयर बाज़ार में कोरोना वायरस से संबंधित अस्थिरता ने बैंकों के शेयर की कीमतों को प्रभावित किया, जिसका नतीजा ये हुआ कि लोगों ने घबराकर कुछ निजी क्षेत्र के बैंकों से जमा राशि निकाल ली। साथ ही उन्होंने कहा कि इस बात की काफी संभावना है कि दुनिया की अर्थव्यवस्था के कई हिस्से मंदी में जाएँगे।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले गुरुवार (मार्च 26, 2020) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर गरीबों के लिए 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया। उन्होंने बताया कि आर्थिक पैकेज की राशि का इस्तेमाल 10 करोड़ गरीबों के खाते में सीधे रकम ट्रांसफर करने और उद्योगों को राहत देने के लिए किया जाएगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया