बॉलीवुड एक्ट्रेस व कुणाल खेमू से शादी करने वाली सोहा अली खान हाल में अपने पिता (अब्बू) मंसूर अली खान पटौदी की 10 वीं डेथ ऐनिवर्सरी पर उनकी कब्र पर पहुँची। उनके साथ उनकी माँ शर्मिला टैगोर और बेटी इनाया भी थे। कब्र पर फूल चढ़ाते समय उन्होंने कुछ फोटो खिंचवाई और उसे इंस्टा पर शेयर किया। इस तस्वीर पर सोहा ने कैप्शन दिया, “आप कभी भी हमारे लिए नहीं मर सकते, जब तक आपको याद करना नहीं भूल जाते।”
सोहा ने ये तस्वीर किस भाव से शेयर की, इसे बिन जाने कट्टरपंथी उन्हें ताने देने लगे। सैयद आलिना नाम की यूजर ने कहा, “वैसे सच में आप लोग पूजा करते हो तो फिर आप लोगों को फातिहा आती भी है कि नहीं और आप लोग कैसे सारे मजहब मानते हों।”
आयशा जाहिद कहती हैं, “शादियाँ हिंदुओं से करते हैं ये लोग, बुतों की पूजा करके शिर्क करते हैं फिर कब्र बना खुद को मुस्लिम कहते हैं। बड़ा ही अजीम ईमान है इनका।”
कुछ मजहबी ठेकेदार ऐसे भी थे जिन्होंने सोहा अली खान और शर्मिला टैगोर को कहा, “इतना भी पता नहीं है कि कब्रिस्तान में लड़कियाँ नहीं जातीं।”
रुखसार लिखती हैं, “वाकई आप लोगों में थोड़ी भी शर्म नहीं कि कब्रिस्तान तक को नहीं छोड़ दो। वहाँ भी सेल्फी।”
निखत लिखती हैं, “बाहर तो कब्र को आपने फूल और बगीचों से कब्र सजा लिए अंदर तो उनका हाल अल्लाह ही जानता है।”
बता दें कि सोहा अली खान ने शादी कुणाल खेमू से की है और उनके भाई सैफ अली कान ने शादी करीना कपूर से की है। ऐसे में कट्टरपंथियों को शिकायत ये रहती है कि ये लोग हिंदू त्योहार क्यों मनाते हैं। शायद यही वजह है कि वो सोहा अली खान के पोस्ट पर भावनाओं को समझने की बजाय घृणा दिखाने लगे। कुछ लोगों ने ये सवाल भी किया कि सोहा अली खान तो अपने पिता की कब्र पर आ गईं लेकिन सैफ अली खान, करीना कपूर, तैमूर और जेह यहाँ कब आएँगे।