बिहार में पलायन और बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है। लोग अक्सर काम की तलाश में राज्य से बाहर जाते हैं। राज्य सरकार पलायन रोकने के लिए बड़े-बड़े वादे तो जरूर करती है, लेकिन इसको अमल में शायद ही कभी लाया जाता है। कई बार राज्य से बाहर भोले-भाले मजदूरों का फायदा भी लोग उठा लेते हैं। इसी कड़ी में एक नया मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि कश्मीर में बिहार के शेखपुरा के 11 मजदूरों को बंधक बनाया गया है और उन्हें छोड़ने के लिए 1 लाख से अधिक रूपए की माँग की गई है।
प्रभात खबर की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरमा थाना क्षेत्र के पानापुर गाँव के 11 युवकों को झारखंड के दंगवार गाँव का एक ठेकेदार काम दिलाने के बहाने दिल्ली ले गया था। वहाँ से सभी को कश्मीर भेज दिया गया। युवकों ने इसका विरोध किया तो सभी को कश्मीर में ही बंधक बना लिया गया और उनके परिजनों से फोन करके 1 लाख 20 हजार रुपए माँगे गए। परिजनों ने जब पैसे देने में असमर्थता दिखाई तो उन्हें धमकी दी गई कि दूसरी कंपनी के साथ 6 महीने का एग्रीमेंट कर मजदूरों को वहाँ भेज देंगे। अब सभी मजदूरों के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है।
ईटीवी भारत का कहना है उनकी टीम श्रम संसाधन मंत्री सुरेंद्र राम के कार्यालय पहुँची थी, लेकिन 2 घंटे इंतजार करवाने के बाद मंत्री ने मुलाकात नहीं की। इस मामले में एनडीए गठबंधन में श्रम मंत्री रहे जीवेश मिश्रा ने नीतीश सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ”बिहार सरकार को मामले में तुरंत कार्रवाई कर मजदूरों के घरवापसी के प्रयास करने चाहिए। इस मामले में श्रम मंत्री क्यों चुप है, ये तो वही जानें। हमारी सरकार के समय सऊदी अरब से भी मजदूरों को घर लाया गया था। ऐसे मामले में एनडीए सरकार संवदेनशील थी और तुरंत कार्रवाई की जाती थी।”
राहत की बात यह है कि इस मामले में शेखपुरा के एसपी कार्तिकेय शर्मा ने आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, ”इन लोगों को जम्मू-कश्मीर में कहाँ रखा गया है, इसकी जानकारी लेकर हम वहाँ के स्थानीय अधिकारी से संपर्क करने उनको रिहा कराने की कोशिश करेंगे। यहाँ से भी हम लोगों को कश्मीर भेज रहे हैं, ताकि उन्हें रिलीज करने की स्थिति में बच्चों को रिसीव किया जा सके।”
इससे पहले परिजनों ने शेखपुरा के डीएम सावन कुमार से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा था और उनकी सकुशकल यहाँ वापस लाने की गुहार लगाई थी।
उल्लेखनीय है कि बिहार में कम्पनियों और फक्ट्रियों के आभाव में काम की भरी किल्लत रहती है, इसी वजह से मजदूरों को पलायन करना पड़ता है। हालाँकि अभी हाल में ही भाजपा का साथ छोड़ राजद से हाथ मिलाने वाले नीतीश कुमार ने 20 लाख लोगों को रोज़गार देने की बात कही थी।