दिल्ली में भारत द्वारा दूसरे देशों को वैक्सीन निर्यात किए जाने के विरोध में पोस्टर लगाए जाने पर 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इन पोस्टर्स पर लिखा गया था, “मोदी जी हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दिया?”
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कई लोगों को जमानत पर छोड़ दिया गया है। अब इस मामले में कई AAP नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, जो दिल्ली में कई जगहों पर ऐसे पोस्टर लगवा रहे हैं।
Police while patrolling to enforce Lockdown announced by DDMA, created by GNCTD, noticed walls in several areas being defaced by pasting posters. Accused persons on questioning told an AAP member & President of Ward 47, Arvind Gautam was behind it in Mangolpuri. He is absconding. pic.twitter.com/ACmTHQryZc
— #DilKiPolice Delhi Police (@DelhiPolice) May 16, 2021
दिल्ली पुलिस ने भी ट्वीट करके जानकारी दी कि लॉकडाउन लागू कराने के लिए जब पुलिस भ्रमण पर थी, तब कई इलाकों में दीवारों पर इन चिपके हुए पोस्टर्स को देखा गया। मंगोलपूरी में पोस्टर लगाने वालों से पूछताछ करने पर उन्होंने जानकारी दी कि इसके पीछे वार्ड 47 के अध्यक्ष और AAP के सदस्य अरविन्द गौतम का हाथ है। AAP नेता अरविन्द फिलहाल फरार है।
इसके अलावा बैनर लगाने वाले एक व्यक्ति राहुल त्यागी ने बताया कि उसे आम आदमी पार्टी के पार्षद धीरेन्द्र कुमार के ऑफिस से 11 मई को 20 बैनर दिए गए। राहुल को ये बैनर कल्याणपुरी में लगाने के लिए कहा गया। इसके बदले उसे 600 रुपए मिलते। त्यागी ने बताया कि उसे और राजीव कुमार को बैनर दिए गए जबकि दिलीप तिवारी और शिवम दुबे को पोस्टर लगाने का काम दिया गया।
त्यागी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उसे पैसे भी नहीं मिले हैं और उसकी मोटरसाइकिल भी पुलिस थाने में ही है। त्यागी के रिश्तेदारों ने बताया कि उसके पिता ऑटो-रिक्शा ड्राइवर हैं और लॉकडाउन में उनकी कमाई नहीं हो पा रही है।
आम आदमी पार्टी के पार्षद धीरेन्द्र कुमार ने इन आरोपों से इनकार किया है हालाँकि शनिवार की रात को AAP ने भी पोस्टर में लिखी हुई लाइनें पोस्ट कीं। हालाँकि राहुल गाँधी भी इस मुद्दे पर राजनीति करने से पीछे नहीं हटे और उन्होंने भी ट्वीट किया कि उन्हें भी गिरफ्तार किया जाए।
Arrest me too.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 16, 2021
मुझे भी गिरफ़्तार करो। pic.twitter.com/eZWp2NYysZ
द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के कई अलग-अलग इलाकों में इस घटना से संबंधित मामले दर्ज किए गए। ये मामले प्रेस एण्ड रजिस्ट्रेशन ऐक्ट, आईपीसी की धारा 269 और 34 के तहत दर्ज किए गए।