फ्रांस के शिक्षक की गला काट कर हत्या कर दिए जाने के बाद फ्रांस की सरकार ने कट्टरपंथी मुस्लिमों के विरुद्ध मोर्चा खोल रखा है। नतीजतन दुनिया भर के तमाम इस्लामी मुल्कों का कट्टर वर्ग फ्रांस के विरोध में नज़र आ रहा है। इसी तरह भारत में भी इस्लाम का एक कट्टरपंथी हिस्सा फ्रांस का विरोध कर रहा है जबकि भारत सरकार इस मुद्दे पर स्पष्ट रूप से फ्रांस का समर्थन करती है। हैरान कर देने वाले मामले में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्रसंघ सदस्य को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उसके (अल्लाह) खिलाफ़ कोई गुस्ताख़ी की, तो हम उसका सिर कलम कर देंगे।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र नेता फरहान ज़ुबैरी को वीडियो में और भी कई हैरान करने वाली बातें कहते हुए सुना जा सकता है। वीडियो की शुरुआत में वह कहता है:
“अगर उनके (अल्लाह) के खिलाफ़ कोई गुस्ताख़ी भरी हरकत की, तो हम उसका सिर कलम कर देंगे/उसका सिर तन से जुदा कर देंगे। क्योंकि हमारी बुनियाद, इस्लाम की बुनियाद कलमे से है और कलमा है ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुर रसूलुल्लाह। तो जिसकी खातिर हम ज़िंदगी में हैं, जिसकी उम्मत में हैं, अगर उसके लिए कोई गलत चीज़ करेगा तो तो हम बिलकुल बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
इस घटनाक्रम के साथ और भी हैरानी की बात यह है कि मौके पर तमाम लोग मौजूद थे और वह छात्र की बात पर चिल्ला कर सहमति भी दर्ज कराते हैं। इसके बाद फरहान जुबैर ने कहा कि एक देश के राष्ट्रपति कहते हैं कि इमारत पर जो कार्टून दिखाया गया है, वह फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन (अभिव्यक्ति की आज़ादी) है।
Radical Islamism is a problem and a challenge today. We have to accept that: @IGuruPrakash, National Spokesperson BJP, tells Padmaja Joshi on @thenewshour AGENDA. | #IndiaWillBackFrance pic.twitter.com/pXEBlwP1Cn
— TIMES NOW (@TimesNow) October 30, 2020
इसके अलावा टाइम्स नाउ में हुई परिचर्चा के दौरान भी फरहान ज़ुबैरी की जहरीली बयानबाज़ी जारी रहती है। सिर तन से जुदा करने के बयान पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उसने कहा, “बिलकुल! गुस्ताख़ी करने की हिम्मत कैसे होगी, क्यों करेगा कोई गुस्ताख़ी?” पूरी परिचर्चा के दौरान फरहान ज़ुबैरी ने चीखना और चिल्लाना जारी रखा। अपने बयान के लिए माफ़ी माँगना तो दूर उसने वीडियो में कई बार यहाँ तक कह दिया कि वह अपने बयान से पीछे नहीं हटेगा।
वीडियो और प्रकरण के चर्चा में आने के बाद उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ पुलिस ने तत्काल प्रभाव से इसका संज्ञान लिया। अलीगढ़ पुलिस ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए कहा कि प्रकरण में जाँच हेतु एएमयू प्रशासन से पत्राचार किया जा रहा है।
प्रकरण में जाँच हेतु एएमयू प्रशासन से पत्राचार किया जा रहा है ।
— ALIGARH POLICE (@aligarhpolice) October 30, 2020
ठीक इसी तरह महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई स्थित भिंडी बाज़ार में फ्रांस के राष्ट्रपति का पोस्टर सड़क पर चिपका कर विरोध किया गया था। इस विरोध प्रदर्शन के वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि रास्ते पर मैक्रों के पोस्टर चिपके हुए हैं और उसके ऊपर से वाहन गुज़र रहे हैं। इस दौरान सबसे ज़्यादा हैरानी की बात तब हुई, जब एक मौलाना ने इस प्रकरण पर बयान दिया था।
रज़ा एकेडमी के मौलाना अब्बास रिज़वी ने कहा, “फ्रांस के राष्ट्रपति ने अल्लाह के रसूल की शान में जो गुस्ताखी की है, उसको ऐसी ही सज़ा मिलनी चाहिए।” इसके अलावा मौलाना अब्बास रिज़वी ने मुंबई की सड़कों पर फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों का पोस्टर लगाए जाने और उसके ऊपर चप्पल-जूते पहन कर चलते लोगों के साथ कुत्ते-बिल्लियों के चलने का समर्थन भी किया था।
इसी तरह मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में इस्लामी कट्टरपंथियों ने ‘अद्भुत मिसाल’ पेश की थी। भोपाल के इकबाल मैदान में कॉन्ग्रेस विधायक आरिफ़ मसूद की अगुवाई में हज़ारों की तादाद में लोग इकट्ठा हुए और उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराया था। इतना ही नहीं, मौजूद लोगों ने फ्रांस के राष्ट्रपति से माफ़ी माँगने तक की बात कह दी थी।