मुंगेर: वरिष्ठ महिला IPS अधिकारी ने SP लिपि सिंह को याद दिलाए नियम, कहा- चेतावनी व आँसू गैस का था विकल्प

बेंगलुरु की आईपीएस अधिकारी डी रूपा (बाएँ) ने एसपी लिपि सिंह (दाएँ) को याद दिलाया सीआरपीसी के नियम-कायदे

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुंगेर में माँ दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन में पुलिस व जनता की भिड़ंत में 2 लोगों के मरने और 23 के घायल होने की बात सामने आई है। अब बेंगलुरु की वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी डी रूपा ने मुंगेर की एसपी व जदयू सांसद आरसीपी सिंह की बेटी लिपि सिंह को उनका कर्तव्य याद दिलाया है। सोशल मीडिया पर लोग लिपि सिंह की तस्वीर शेयर कर के उनकी तुलना जनरल डायर तक से कर रहे हैं।

कर्नाटक सरकार की गृह सचिव डी रूपा ने सीधा आरोप लगाया कि मुंगेर में माँ दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान लोगों को काबू में करने के लिए पुलिस द्वारा तमाम नियम-क़ानूनों की धज्जियाँ उड़ाई गई हैं। रूपा ने मुंगेर की एसपी लिपि सिंह को सीआरपीसी की धाराओं की याद दिलाते हुए कहा कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस के न्यूनतम बल का उपयोग किया जाना चाहिए। साथ ही याद दिलाया कि भीड़ द्वारा अवरोध पैदा करने पर फोर्स की उचित संख्याबल का भी निर्धारण किया जाता है।

उन्होंने नियम समझाते हुए कहा कि पुलिस को गोली चलाने से पहले चेतावनी दें चाहिए, या फिर आँसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर दुःख जताया कि मुंगेर में इनमें से किसी भी नियम का पालन नहीं किया गया। मुंगेर में हुई घटना को लेकर विपक्षी दलों और जनता ने भी पुलिस को दोषी ठहराया है। वायरल हुए वीडियो के आधार पर पुलिस को ही इस घटना के लिए दोषी माना जा रहा है।

https://twitter.com/D_Roopa_IPS/status/1321129812560207873?ref_src=twsrc%5Etfw

मुंगेर के दीनदयाल चौक के पास हुई इस घटना के वायरल वीडियो के जाँच किए जाने की बात कही जा रही है। पुलिस ने इस बात से इनकार किया है कि उसकी गोली से किसी की मृत्यु हुई है, या फिर कोई घायल हुआ है। डीएम राजेश मीणा वायरल वीडियो के जाँच के बाद ही टिप्पणी करने की बात करते हुए कहते हैं कि जिले में अस्थिरता और अशांति फैलाने का काम किया जा रहा है। पुलिस-प्रशासन ने अपनी गलती होने से इनकार कर दिया है।

इस घटना के प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि थाना प्रभारियों ने उन लोगों पर मूर्ति आगे बढ़ाने का दबाव बनाया। उन लोगों ने थाना प्रभारी की बात भी मान ली और आपस में कुछ विचार-विमर्श करने लगे कि तभी थाना प्रभारी को पुलिस की तरफ से फोन आया, वो लोग मैडम-मैडम करके बात कर रहे थे। उनका कहना है कि पुलिस ने फायरिंग करने के बाद उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया। उन लोगों ने काफी मुश्किल से साइकिल से, रिक्शा से, मोटरसाइकिल पर, कंधा पर, जैसे संभव हो सका, हॉस्पिटल लेकर आए और उनका इलाज करवा रहे हैं। 

अनंत सिंह के अड्डों पर छापेमारी से चर्चा में आई थी लिपि सिंह

बता दें कि आईपीएस अधिकारी लिपि सिंह बिहार के बाहुबली नेता अनंत सिंह के ठिकानों पर छापेमारी के बाद चर्चा में आई थीं। उन्होंने अनंत सिंह के खिलाफ यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज की थी, जिसके बाद विधायक अनंत सिंह को फरार होना पड़ा था। अनंत पटना के मोकामा से बतौर MLA हैट्रिक लगा चुके हैं। अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ने आरोप लगाया था कि वो जानबूझ कर उनके करीबियों को परेशान कर रही हैं, जिसके बाद उनका ट्रांसफर हुआ था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया