गुजरात के भुज क्षेत्र के मजिस्ट्रेट ने सावन के पवित्र महीने में शिव मंदिरों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की अनुमति देने से मना कर दिया है। मजिस्ट्रेट ने अपना फैसला कोरोना वायरस का हवाला देते हुए सुनाया। उन्होंने कहा है कि लाउडस्पीकर से वायरस तितर-बितर हो जाएगा और ज्यादा जगहों पर फैलेगा।
मजिस्ट्रेट के इस आदेश में लिखा है कि भुज में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ा है। इसलिए लाउडस्पीकर चलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है क्योंकि माइक्रोफोन से निकलने वाली ध्वनि तरंगे संक्रमण को फैला सकती हैं।
गौरतलब है कि सावन महीने की शुरुआत में शिवमंदिर के प्रतिनिधियों ने भुज प्रशासन को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने 20 जुलाई से लेकर 20 अगस्त के बीच में सुबह 8 से दोपहर 1 बजे और रात 8 बजे से 10 बजे तक लाउडस्पीकर चलाने की अनुमति माँगी थी। लेकिन अनुमति देने की जगह मजिस्ट्रेट की ओर से ऐसा अजीबोगरीब बहाना लिखित तौर पर आया।
https://twitter.com/OpIndia_com/status/1293068452832272386?ref_src=twsrc%5Etfwयहाँ बता दें कि हिंदू धर्म में सावन महीने को बेहद पावन माना जाता है। इस महीने में श्रद्धालु भगवान शिव को आराध्य मानकर अपनी पूजा अर्चना करते हैं। इस महीने में शिवभक्त व्रत रखते हैं।
इसके अलावा इस माह में हरिद्वार और गंगोत्री में स्नान की भी एक पुरानी परंपरा है, जिसे पिछले कई दशकों से लोग निभाते हुए आ रहे हैं। शिवभक्तों के लिए इस दौरान जगह-जगह विशेष इंतजाम होता है। काँवड़ ले जाते हुए वह इन जगहों पर विश्राम करते हैं।
मगर, इस साल कोरोना वायरस के कारण ये सब सावन महीने में संभव नहीं हो पाया। जिसके कारण लोगों अपने इलाकों में स्थित मंदिरों में ही इस महीने को पर्व की तरह मना रहे हैं।