49 सेलेब्स पर नहीं चलेगा देशद्रोह का केस, आरोप ‘शरारतपूर्ण’, अब वकील पर दर्ज होगा FIR

49 हस्तियों पर नहीं चलेगा देशद्रोह का केस

भीड़ हिंसा के विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखने वाले 49 हस्तियों के ख़िलाफ़ दर्ज देशद्रोह के मामले को पुलिस ने बुधवार को बंद करने का फैसला किया है। इस मामले पर आदेश मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनोज सिन्हा ने दिया है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि अब तक की जाँच में इस बात का खुलासा हुआ है कि आरोपितों के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोप “शरारतपूर्ण हैं” और उनमें कोई ठोस आधार नहीं हैं।

उल्लेखनीय है कि इस मामले के संबंध में स्थानीय अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा की एक याचिका पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेस के आदेश के बाद पिछले हफ्ते सदर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई थी, जिसपर काफी बवाल हुआ था। कॉन्ग्रेस के शीर्ष नेताओं से लेकर अभिनेता से राजनेता बने कमल हासन ने भी इसका विरोध किया था। वहीं, वकील ओझा का कहना था कि उनके द्वारा 2 महीने पहले दाखिल की गई याचिका को सीजेएम ने 20 अगस्त को स्वीकार कर लिया था। इसके बाद मुजफ्फरपुर के सदर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज हुई।

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मामला बंद होने पर एडीजी हेडक्वार्टर जीतेंद्र कुमार का कहना है कि शिकायतकर्ता, सबूत उपलब्ध करा पाने में नाकाम रहा। इतना ही नहीं, वह उस पत्र को दिखाने में अक्षम रहा जिसके आधार पर उसने इन हस्तियों पर केस करवाया था। इसके अलावा पुलिस ने जाँच में ये भी पाया कि याचिका दायर करने के पीछे के उद्देश्य उचित नहीं थे। इसलिए वकील के खिलाफ आईपीसी धारा 182 और 211 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

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बिहार पुलिस के इस फैसले के बाद कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता के वेणुगोपाल ने ट्वीट करके अपनी खुशी जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट करके बताया है कि उन्हें खुशी है कि बिहार पुलिस ने इन हस्तियों के ख़िलाफ़ दर्ज देशद्रोह के मामले को वापस लेने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा, “कोई भी ताकत उन लोगों की आवाज को चुप नहीं करवा सकती जो सच बोलते हैं। जितना वो तुम्हें दबाएँगे उतना तुम मजबूत होगे।”

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वहीं बता दें कि इस एफआईआर के दर्ज होने के बाद से कई लोग अफवाह उड़ा रहे थे कि ये केस भाजपा के कारण इन सेलेब्स पर हुआ है, लेकिन केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और बिहार डिप्टी सीएम ने आधिकारिक रूप से बयान देकर स्पष्ट किया कि इससे भाजपा का कोई वास्ता नहीं हैं। केंद्रीय मंत्री जावडेकर ने जहाँ बुद्धिजीवियों और कलाकारों के ख़िलाफ देशद्रोह के मुकदमे के लिए विपक्ष द्वारा मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराना पूरी तरह से गलत बताया है और कहा है कि ये अफवाह निहित स्वार्थ वाले लोगों एवं टुकड़े-टुकड़े गिरोह द्वारा फैलाई जा रही है। वहीं सुशील मोदी ने इसपर बयान देते हुए कहा था कि भाजपा कभी भी भीड़ हिंसा का समर्थन नहीं करती हैं। प्रधानमंत्री को पत्र लिखने वालों के विरुद्ध दायर मामले से बीजेपी या संघ परिवार का कोई वास्ता नहीं है।

गौरतलब है कि इसी वर्ष जुलाई महीने में कुछ अभिनेता-अभिनेत्रियों-फिल्मकार-सामाजिक कार्यकर्ता-इतिहासकार समेत विभिन्न क्षेत्रों के 49 हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखा था। इस पत्र में दलित व अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा बढ़ने का दावा करते हुए प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की माँग की गई थी। इस पत्र में लिखा गया था, “अफसोस की बात है कि जय श्रीराम का इस्तेमाल आज उकसाने के लिए किया जा रहा है। यह युद्धोन्मादी और भड़काऊ नारा है। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को राम के नाम पर डराया जा रहा है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया