कोविड के बीच ”ब्लैक फंगस” (Black Fungus) या म्यूकोरमायकोसिस के बढ़ते कहर के बीच केंद्र सरकार ने गुरुवार को सभी राज्यों को “ब्लैक फंगस” को महामारी घोषित करने का निर्देश दिया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से ब्लैक फंगस को “महामारी रोग अधिनियम” के तहत दुर्लभ लेकिन संभावित घातक संक्रमण के तहत दर्ज करने को कहा है। हाल के दिनों में देश में कोविड-19 से उबर चुके लोगों में ब्लैक फंगस के मामले सामने आए हैं।
इसका मतलब है कि ब्लैक फंगस के सभी पुष्ट या संदिग्ध मामले (कोविड के ठीक होते रोगियों में देखी जाने वाली स्थिति) की सूचना स्वास्थ्य मंत्रालय को देनी होगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने राज्यों को लिखे पत्र में कहा है, “सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं और मेडिकल कॉलेजों को म्यूकोरमायकोसिस की जाँच, डायग्नोसिस, प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।”
राजस्थान, तेलंगाना और तमिलनाडु में ब्लैक फंगस महामारी घोषित
बुधवार (19 मई) को राजस्थान के ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने के बाद गुरुवार (20 मई) को दो और राज्यों तेलंगाना और तमिलनाडु ने भी इस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया।
तमिलनाडु में ब्लैक फंगस से पहली संदिग्ध मौत की सूचना है। थूटूकुड्डी जिले में कोविड से पीड़ित एक 57 वर्षीय व्यक्ति की सरकारी अस्पताल में ब्लैक फंगस से मौत होने की आशंका है।
वहीं तेलंगाना में सरकारी और निजी अस्पतालों में करीब ब्लैक फंगस के 80 मरीजों का इलाज चल रहा है। सरकार ने इसके इलाज के लिए गाँधी जनरल हॉस्पिटल और सरकारी अस्पताल ईएनटी हॉस्टिपल को ब्लैक फंगस के इलाज के लिए नोडल केंद्रों के रूप में चिन्हित किया है।
राजस्थान के स्वास्थ्य सचिव अखिल अरोड़ ने कहा कि अभी ब्लैक फंगस के करीब 100 से अधिक मामले हैं और उनके इलाज के लिए जयपुर स्थित सवाई मान सिंह अस्पताल में एक अलग वॉर्ड बनाया गया है।
ब्लैक फंगस के मामले शुरू में गुजरात और महाराष्ट्र में सामने आए थे और इसके बाद ये देश के कई राज्यों में फैल गया। ब्लैक फंगस से महाराष्ट्र में पिछले साल कोविड-19 फैलने के बाद से अब तक 52 लोगों के मरने की खबर है। राज्य में इस बीमारी से करीब 1500 लोगों का इलाज चल रहा है। पुणे में ही ब्लैक फंगस से पीड़ित 270 लोगों का इलाज चल रहा है
वहीं गुजरात में अब तक इसके 100 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं जबकि 40 लोग ब्लैक फंगस की वजह से आँखों की रोशनी गँवा चुके हैं जिनमें से 8 तो सूरत के ही हैं।
मध्य प्रदेश में भी ब्लैक फंगस से दो लोगों की मौत हुई है, जबकि उत्तर प्रदेश और दिल्ली में एक-एक मौत हुई हैं।
अब तक ब्लैक फंगस का प्रकोप गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना, यूपी, बिहार, तमिलनाडु और हरियाणा समेत 11 राज्यों में देखा जा रहा है।