31 जनवरी तक धारा 144, लखनऊ समेत 42 जिलों में इंटरनेट बंद: योगी सरकार ने उठाया सख्त कदम

पूरे यूपी में लागू हुई धारा 144

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के नाम पर सड़कों पर उतरी भीड़ अब दंगाईयों का रूप ले चुकी है। उत्तर प्रदेश के तो हर जिले से खबरें आ रही हैं कि प्रदर्शन के नाम पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाया जा रहा है और पुलिस पर भी हमला लगातार हो रहा है। ऐसी स्थिति में यूपी में अब अधिक सतर्कता बरती जा रही है। जिसके चलते 42 जिलों में सुरक्षा लिहाज से इंटरनेट सेवाएँ बंद कर दी गईं हैं और पूरे प्रदेश में 31 जनवरी तक धारा 144 लागू हो चुकी है। इसके अलावा प्रदेश में स्कूल-कॉलेजों को भी आज बंद किया गया है। अब की आगे की स्थिति देखते हुए कल बाकी के फैसले लिए जाने की संभावना है।

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गौरतलब है कि प्रदेश में गुरुवार को भीड़ के हिंसक हो जाने से देर रात एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। जबकि एडीजी जोन, आइजी रेंज, समेत 70 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इसके साथ ही लखनऊ व सम्भल में रोडवेज की 4 बस, करीब 1 दर्जन कार तथा 5 दर्जन दो पहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था।

इसके बाद कानपुर, फिरोजाबाद, मेरठ, बुलंदशहर, गोरखपुर, बिजनौर, हापुड़, सहारनपुर, अमरोहा, बहराइच, बरेली, संभल मुजफ्फरनगर में भी काफी हिंसक प्रदर्शन देखने को मिले थे। जिस कारण शहरों में मृतकों का आँकड़ा 6 से बढ़कर 13 हो गया। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार मेरठ में 4, कानपुर, फिरोजाबाद और बिजनौर में 2-2, वाराणसी, संभल और मुजफ्फरनगर में 1-1 की मौत हुई है। वहीं, बताया जा रहा है कि सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर, सुल्तानपुर, गोंडा और बलरामपुर में भी दंगाईयों ने उपद्रव की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस की सतर्कता के कारण माहौल संभला रहा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शुक्रवार (दिसंबर 20, 2019) को हुई हिंसा पर यूपी के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि शुक्रवार को नमाज के बाद सुनियोजित ढंग से प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरे और पुलिस पर हमला बोला। उपद्रवियों ने कम उम्र के बच्चों को आगे किया, जिनकी सुरक्षा के दृष्टि से पुलिस ने संयम बरतते हुए त्वरित कार्रवाई की।

बता दें कि राज्य में भड़की हिंसा पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी नाराज हैं। उन्होंने देर रात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों से बात की और प्रदेश के हालातों पर अपनी नाराजगी जाहिर की। इससे पहले इस मामले पर सख्ती दिखाते हुए वे पुलिस को उपद्रवियों के ख़िलाफ़ एक्शन लेने के लिए आदेश दे चुके हैं और उन्होंने स्पष्ट शब्दों में भी कहा है कि वे उपद्रवी दोषियों के खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई करेंगे। जो भी हिंसा का दोषी होगा उसकी संपत्तियाँ सीज की जाएँगी और उसी से हिंसा में हुई क्षति की भरपाई होगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया