6 फरवरी को ‘शांतिपूर्ण’ चक्का जाम का राकेश टिकैत का ऐलान, 26 जनवरी की हिंसा देख दिल्ली पुलिस मुस्तैद

राकेश टिकैत का 6 फरवरी के 'चक्का जाम' का ऐलान

कृषि सुधार क़ानूनों का विरोध बीते 72 दिनों से जारी है और कथित ‘आंदोलन’ की आड़ में अराजकता की कई घटनाएँ सामने आईं। इस बात की सटीक मिसाल थी 26 जनवरी 2021 को राजधानी दिल्ली में हुई ‘ट्रैक्टर रैली’ जिसमें बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। हाल ही में प्रदर्शनकारियों ने ऐलान किया था कि 6 फरवरी को दोपहर 12 बजे से दिन के 3 बजे तक चक्का जाम किया जाएगा। अब इस बारे में राकेश टिकैत ने बयान दिया है। उनका कहना है कि ये चक्का जाम 'शांतिपूर्ण' होगा। 
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने 6 फरवरी के चक्का जाम पर अपने समर्थकों से अपील की। अपील में उन्होंने कहा कि जो लोग प्रदर्शन स्थल पर नहीं आ सकते हैं, वह जहाँ कहीं भी हैं वहाँ रह कर ‘शांतिपूर्ण तरीके’ से चक्का जाम करें। चक्का जाम के दौरान किसी भी तरह की हिंसा और उपद्रव नहीं होना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस के कई अधिकारियों की किसानों के ‘चक्का जाम’ को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर के साथ बैठक जारी है। पुलिस अपनी तरफ से हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है।    

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इसके पहले संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा था कि 6 फरवरी को पूरे देश में विरोध प्रदर्शन होगा और इस दौरान वह रास्तों को बंद भी करेंगे। सरकार कुछ भी सुनने के लिए तैयार नही हैं ऐसे में अपनी बात पहुँचाने का इकलौता तरीका यही बचता है। किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने भी चक्का जाम को लेकर कहा था, “देश के तमाम प्रदेशों और शहरों के राजमार्गों पर 6 फरवरी को चक्का जाम किया जाएगा। प्रदर्शनकारी पहले ही दिल्ली में बैठे हुए हैं इसलिए यहाँ चक्का जाम के हालात नहीं होगे। देश के अन्य क्षेत्रों में कल (6 फरवरी 2021) चक्का जाम किया जाएगा।” 

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गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर अभी तक कुल 38 FIR दर्ज़ की जा चुकी है और 84 आरोपितों को गिरफ़्तार किया जा चुका है। यह जानकारी शनिवार (जनवरी 30, 2021) को दिल्ली पुलिस की ओर से दी गई थी। गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में किसान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ था, जिसमें कई लोग घायल हुए और काफी जगह तोड़-फोड़ हुई थी। 

इस दौरान सबसे बड़ा विवाद लाल किले पर फहराए गए झंडे और वहाँ हुई तोड़-फोड़ को लेकर हुआ था। लाल किला परिसर में हजारों प्रदर्शनकारियों ने घुसकर वहाँ मौजूद सामानों को तोड़ा और प्राचीर के पास एक धार्मिक झंडा फहरा दिया था। इस दौरान झड़प में करीब 300 से अधिक पुलिसवाले घायल हो गए थे। इस घटना की दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच जाँच कर रही है। कई टीमों को दोषियों की पहचान करने में लगाया गया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया