देश में सुरक्षाकर्मियों व स्वास्थ्यकर्मियों के सामने इस समय दो चुनौती है। पहला कोरोना वायरस और दूसरा वे लोग जो सब जानने-समझने के बावजूद भी इन योद्धाओं के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं। ताजा मामला तमिलनाडु से है। यहाँ एक डॉक्टर की कोरोना संक्रमित होने के कारण मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, सोमवार को जब डॉक्टर के शव को दफनाने के लिए कब्रिस्तान ले गए, तो वहाँ पर 50 से अधिक लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। भीड़ ने एम्बुलेंस पर हमला बोल दिया और देखते ही देखते पत्थरबाजी शुरू हो गई। इस मामले के संबंध में बाद में 20 लोग गिरफ्तार किए गए।
#Breaking | Shocking insensitivity in Tamil Nadu.
— TIMES NOW (@TimesNow) April 20, 2020
People block the cremation of a doctor who died of COVID-19. Stones were hurled at the ambulance staff. 20 people have been arrested.
Details by TIMES NOW’s Shilpa. pic.twitter.com/HaL5JG4O2Y
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब डॉक्टर के शव को दफनाने से रोकने के लिए हिंसक हुई भीड़ पर वहाँ मौजूद पुलिस काबू नहीं पा पाई, तो उन्होंने डॉक्टर के परिजनों से अपील करते हुए शव को किसी दूसरे कब्रिस्तान में ले जाने के लिए कहा। जिसके बाद दूर किसी कब्रिस्तान में डॉक्टर के शव को दफनाया गया।
कोरोना वायरस से पीड़ित डॉक्टर को जब दफनाने के लिए ले जाया गया, तो लोगों ने कब्रिस्तान के पास ही हंगामा शुरू कर दिया
— AajTak (@aajtak) April 20, 2020
(@shalinilobo93 )https://t.co/h35mPuGwiX
जानकारी के अनुसार, चेन्नई के अस्पताल में कोरोना के कारण जिंदगी की जंग हारने वाले न्यूरोसर्जन की उम्र 55 वर्ष थी। अस्पताल ने मीडिया को जानकारी दी कि उनकी हालत काफी दिनों से नाजुक बनी हुई थी और वे वेंटिलेटर पर थे। वे बीमारी की चपेट में आने से पहले न्यूरोसर्जन होने के साथ-साथ मुख्य डॉक्टर और निदेशक भी थे। उनकी बेटी का भी फिलहाल कोरोना संक्रमित होने के कारण उसी अस्पताल में इलाज चल रहा है। मगर उनकी स्थिति फिलहाल स्थिर है।
बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब तमिलनाडु से इस प्रकार का मामला सामने आया हो। बीते दिनों 13 अप्रैल को भी एम्बातुर के नागरिकों ने कब्रिस्तान के बाहर हंगामा किया था। तब एक 62 वर्षीय डॉक्टर की मौत कोरोना वायरस की वजह से हो गई थी और उसे जब कब्रिस्तान में दफनाने के लिए ले गए तो लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया था।