रंजीत सिंह मर्डर केस में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सहित 5 को आजीवन कारावास, ₹31 लाख का जुर्माना भी

गुरमीत राम रहीम (फाइल फोटो)

रंजीत सिंह मर्डर केस मामले में पंचकूला में CBI की स्पेशल कोर्ट ने आरोपित राम रहीम समेत 5 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम पर 31 लाख का जुर्माना लगाया है जबकि अन्य आरोपितों पर 50 हजार का जुर्माना लगाया गया है। डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रबंधक रंजीत सिंह हत्याकांड में पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम समेत 5 दोषियों को आजीवन करावास की सजा सुनाई है।

https://twitter.com/ANI/status/1450055583789318147?ref_src=twsrc%5Etfw

बता दें कि साध्वियों से रेप और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के मर्डर केस में राम रहीम पहले से ही जेल में सजा काट रहा है। राम रहीम को दुष्कर्म के मामले में 20 साल की कैद हुई है। वहीं पत्रकार की हत्या के मामले में भी वह उम्रकैद की सजा काट रहा है। रंजीत सिंह हत्याकांड मामले में बीते 8 अक्टूबर को गुरमीत राम रहीम सिंह और कृष्ण कुमार को कोर्ट ने आईपीसी की धारा-302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना) के तहत दोषी करार दिया गया। वहीं, अवतार, जसवीर और सबदिल को कोर्ट ने आईपीसी की धारा-302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना) और आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया है।

सजा के ऐलान से पहले हरियाणा के पंचकूला जिले में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करते हुए धारा-144 लागू कर दी गई। अगस्त 2017 की हिंसा को देखते हुए राम रहीम से जुड़े किसी भी मामले में सुनवाई या फिर सजा के ऐलान से पहले सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया जाता है। साल 2017 में बलात्कार के एक मामले में राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद 36 लोग मारे गए थे। पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से डेरा प्रमुख के लिए मौत की सजा की माँग की थी। वहीं, खुद राम रहीम ने रोहतक जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दया की गुहार लगाई थी। राम रहीम जेल में दो अनुयायियों के साथ बलात्कार करने के लिए 20 सालों की सजा काट रहा है। राम रहीम ने कोर्ट के सामने दया की गुहार लगाते हुए ब्लड प्रेशर, आँख और गुर्दे संबंधी अपनी बीमारियों का भी हवाला दिया था। 

सीबीआई ने डेरा प्रमुख की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि पीड़ित ने उसे भगवान की तरह माना और आरोपित ने उसके खिलाफ अपराध किया। एजेंसी ने यह भी कहा कि उसका आपराधिक इतिहास रहा है। ऐसे में एजेंसी ने राम रहीम के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत अधिकतम सजा की माँग की थी।

जुलाई 2002 में हुई थी रंजीत की हत्या

रंजीत सिंह की साल 2002 में 10 जुलाई को हत्या कर दी गई थी। इस मामले की जाँच केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) ने की और पूरा मामला सीबीआई की स्पेशल अदालत में ही चला। घटना के 19 साल बीत जाने के बाद इस महीने की शुरुआत में राम रहीम समेत पाँच लोगों को दोषी ठहराया गया था। मामले की पूरी बहस 12 अगस्त को पूरी कर ली गई थी।

सीबीआई ने तीन दिसंबर, 2003 को इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। राम रहीम को एक पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। वह रोहतक की सुनारिया जेल में सजा सुनाए जाने के बाद से ही बंद है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया