पश्चिम बंगाल में हड़ताल कर रहे डॉक्टर शनिवार (जून 15, 2019) को सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ सशर्त वार्ता के लिए तैयार हो गए हैं। जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि वो ममता बनर्जी के साथ बातचीत और चर्चा करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए जगह वो खुद तय करेंगे। उनका कहना है कि ममता बनर्जी ने उन लोगों को बंद कमरे में बैठक करने के लिए बुलाया है, लेकिन वो बंद कमरे में उनके साथ बैठक कैसे कर सकते हैं, क्योंकि इस लड़ाई में पूरा राज्य उनके साथ है। इससे पहले उन्होंने राज्य सचिवालय में बनर्जी के साथ बैठक के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था और इसकी बजाय उनसे गतिरोध सुलझाने को लेकर खुली चर्चा के लिए एनआरएस मेडिकल कॉलेज अस्पताल आने को कहा था।
ममता बनर्जी से बात करने को तैयार हुए हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टर, जल्द निकल सकता है हलhttps://t.co/Od06NucD50 via @NavbharatTimes#MamataBanerjee #DoctorsStrike #DoctorsProtest pic.twitter.com/OBiVMK3NsZ
— NBT Hindi News (@NavbharatTimes) June 16, 2019
हालाँकि, शनिवार (जून 15, 2019) को जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त फोरम की ओर से प्रवक्ता ने कहा, “हम हमेशा से बातचीत के लिए तैयार हैं। अगर मुख्यमंत्री एक हाथ बढ़ाएँगी तो हम हमारे 10 हाथ बढ़ाएँगे। हम इस गतिरोध के खत्म होने की तत्परता से प्रतीक्षा कर रहे हैं।” डॉक्टरों का कहना है कि ये मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए अहंकार की लड़ाई बन चुकी है, लेकिन उनके लिए ये अस्तित्व की लड़ाई है। डॉक्टरों ने कहा कि वो चाहते हैं कि जिस जूनियर डॉक्टर परिबाहा मुखोपाध्याय पर हमला किया गया, उनसे ममता बनर्जी मुलाकात करें, क्योंकि ये कोई अचानक हमला नहीं था, बल्कि सुनियोजित तरीके से किया गया हमला था।
Junior doctors of #NRSMedicalCollege and Hospital, Kolkata, West Bengal: This has become an ego fight for the CM but for us it's a fight for survival. We wanted her to meet the assaulted doctor Paribaha Mukhopadhyay. It wasn’t a spontaneous attack, it was a planned attack. pic.twitter.com/e4VRIiFyr8
— ANI (@ANI) June 15, 2019
इसके साथ ही, डॉक्टरों ने ममता बनर्जी की उस बात को भी झूठ बताया, जिसमें ममता ने कहा था कि जब वो एसएसकेएम हॉस्पिटल गईं थी, तो उन पर हमला हुआ था। डॉक्टरों ने कहा कि ये झूठ है। ममता बैरीकेड के घेरे में थीं और वो लोग न्याय की माँग करते हुए सिर्फ नारे लगा रहे थे। गौरतलब है कि, ममता ने डॉक्टरों की तुलना पुलिस से की थी, जिसका जवाब देते हुए डॉक्टरों ने कहा कि वो पुलिस का सम्मान करते हैं, लेकिन उन लोगों को ट्रेनिंग और हथियार दिए जाते हैं, डॉक्टरों को हथियार चलाने के लिए ट्रेंड नहीं किया जाता है।
डॉक्टरों ने कहा कि मुख्यमंत्री कहती हैं कि उन्होंने इस मसले पर राज्यपाल से बात की है, लेकिन राज्यपाल बयान जारी करके कहते हैं कि उनके फोन का ममता बनर्जी जवाब नहीं दे रही हैं। साथ ही डॉक्टरों ने ये भी कहा कि हड़ताल की वजह से बंगाल के लोगों की सेवा नहीं कर पाने का उन्हें दुख है।