तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के सांसद और प्रसार भारती के पूर्व सीईओ जवाहर सरकार (Jawahar Sircar) द्वारा 26 जनवरी (बुधवार) को भ्रामक ट्वीट करने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने उनकी क्लास लगा दी। अपने ट्वीट में सरकार ने लिखा था, “बस सोच रहा था: क्या दिलीप कुमार भारत रत्न या पद्म विभूषण के लायक नहीं थे?”। इस ट्वीट के माध्यम से सरकार ने बताने की कोशिश की कि दिलीप कुमार को भारत रत्न या पद्म विभूषण से सम्मानित नहीं किया गया। इससे एक दिन पहले भारत सरकार ने इस वर्ष के लिए पद्म पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा की थी।
साल 2012 से 2016 तक भारत के सरकारी ब्रॉडकास्टर प्रसार भारती के सीईओ रहे जवाहर सरकार को यह नहीं पता था कि दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार को 2015 में एनडीए सरकार ने पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। दिलचस्प बात यह है कि प्रसार भारती के अंतर्गत ही डीडी न्यूज संचालित होता है और दिलीप कुमार को पद्म विभूषण से सम्मानित किए जाने पर डीडी ने दो रिपोर्टें चलाई थी।
26 जनवरी 2015 को उनके नाम की घोषणा के बाद 13 दिसंबर 2015 को केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह दिवंगत दिलीप कुमार को पद्म विभूषण प्रदान करने उनके घर गए थे। डीडी न्यूज ने इस समारोह का प्रसारण किया था। दोनों क्लिप डीडी न्यूज के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध हैं। यह खबर अखबारों में भी खूब छपा था। ऐसा लगता है कि सरकार द्वारा संचालित चैनल के सीईओ रहने के दौरान उन्हें पता ही नहीं था कि चैनलों पर क्या चल रहा है।
जवाहर सरकार द्वारा भ्रामक खबर ट्वीट करने के बाद सोशल मीडिया ने जमकर उनकी आलोचना की। ट्विटर यूजर सेफ_जॉनी ने जवाहर सरकार को अनपढ़ बताया और कहा, “अनपढ़ आदमी, दिलीप कुमार को मोदी सरकार द्वारा 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। गृहमंत्री राजनाथ सिंह खुद उनके आवास पर गए और उन्हें सम्मानित किया।”
एक अन्य ट्विटर यूजर वरदा मराठे ने कहा, “मैं दूसरी चीजों के बारे में नहीं जानता, लेकिन इतना जरूर जानता हूँ कि आपके लिए तथ्य मायने नहीं रखते।”
दिग्गज अभिनेता को पद्म विभूषण से सम्मानित किए जाने की खबर लगभग सारे मीडिया हाउसों ने दिखाई और प्रकाशित की थी। इस समारोह के क्लिप उनके आधिकारिक चैनलों पर उपलब्ध हैं। कोई यह मान सकता है कि प्रसार भारती के तहत आने वाले चैनलों पर क्या सामग्री दिखाई जा रही है, इसके बारे में जवाहर सरकार को नहीं पता था, लेकिन यह विश्वास करना कठिन है कि उन्होंने उस दौरान कोई अखबार नहीं पढ़ा या टीवी पर कोई समाचार नहीं देखा।