आंध्र प्रदेश: दो दशक पुरानी गणेश की मूर्ति खंडित, पुलिस ने कहा- किसी ने नहीं तोड़ा, ‘अफवाह’ फ़ैलाने वाले गिरफ्तार

भगवान् गणेश की खंडित मूर्ति (साभार: thenewsminute)

आंध्र प्रदेश में हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां तोड़े जाने का सिलसिला जारी है। ताज़ा मामला विशाखापट्टनम स्थित गोलूगोंडा मंडल के येती गैरमपेटा गाँव का है। यहाँ के रामालयम मंदिर में भगवान गणेश की खंडित मूर्ति पाई गई है। मूर्ति के दो हाथ टूटे हुए थे। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। हालाँकि, पुलिस का इस घटना पर कहना है कि मूर्ति को किसी ने नहीं तोड़ा है।     

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, इस घटना पर गोलूगोंडा के सब इंस्पेक्टर धनञ्जय नायडू ने किसी भी तरह की साज़िश से इंकार किया है। उन्होंने कहा, “यह एक छोटा सा गाँव है। चार हाथों वाली गणेश जी की मूर्ति दो दशक पुरानी है। मूर्ति के हाथ दो साल पहले टूटे थे और इसे टूटे हाथों के साथ ही इसे मंदिर में रखा गया था। इसकी मरम्मत नहीं की गई। मंदिर के नए पुजारी को कथित तौर पर इस बात की जानकारी नहीं थी। जब आज उन्होंने ये देखा कि मूर्ति के हाथ नहीं हैं तब उन्होंने दूसरों को इस बात की जानकारी दी। हाल फ़िलहाल के हालातों की वजह से युवाओं ने इस ख़बर को आगे बढ़ाया।” 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ पुजारी ने मूर्ति के दोनों टूटे हाथ दिखाकर वीडियो बनाया। पुलिस ने इस घटना के पीछे किसी भी तरह के षड्यंत्र की बात को खारिज किया है। गाँव के सरपंच ने भी स्पष्ट किया है कि मामले की जाँच जारी है। पुलिस ने इस मामले में ‘अफ़वाह’ फैलाने को लेकर 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इन चारों पर आईपीसी की धारा 153ए (धर्म नस्ल के आधार पर लोगों में नफ़रत फैलाने की कोशिश) के तहत मामला दर्ज किया है।   

इसके पहले विजयवाड़ा के सीताराम मंदिर में देवी सीता की मूर्ति खंडित पाई गई थी। यह मूर्ति लगभग 40 साल पुरानी बताई गई थी। यह मंदिर विजयवाड़ा के पंडित नेहरू बस कॉम्पलेक्स में स्थित है। इसके ठीक पहले प्रदेश में दो अन्य घटनाएँ हो चुकी थीं। इससे पहले विजयनगरम जिले की एक मंदिर में विराजित भगवान राम की 400 साल पुरानी मूर्ति खंडित कर दी गई थी। इसके बाद राजमुंद्री के विघ्नेश्वर मंदिर में भगवान सुब्रमण्येश्वर स्वामी की मूर्ति क्षतिग्रस्त करने का मामला सामने आया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया