देवभूमि उत्तराखंड में तेजी से बढ़ती मजारों और बेतहाशा बढ़ती मुस्लिम आबादी के बारे में हमने पिछली रिपोर्ट में बताया। स्थानीय लोगों ने इन 2 समस्याओं के अलावा जिस तीसरे मामले को चिंताजनक बताया, वो है उत्तराखंड में बढ़ते नशे का अवैध कारोबार। इसी माह ऑपइंडिया की ग्राउंड रिपोर्ट में हमने पाया कि स्थानीय लोगों और हिन्दू एक्टिविस्टों ने सामूहिक रूप से आने वाले भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए नशे के कारोबार पर तत्काल लगाम लगाने की जरूरत पर बल दिया।
ऋषिकेश में शुजाउद्दीन की बाइक और 2 नशेड़ी
स्थानीय लोगों के दावों की पुष्टि के लिए और जमीनी हकीकत जानने के लिए ऑपइंडिया की टीम ने ऋषिकेश के आस-पास जानकारी जुटानी शुरू की। ऋषिकेश से नीलकंठ महादेव जाने वाली सड़क पर मात्र 3 किलोमीटर ऊपर चढ़ने के बाद व्यस्त सड़क के किनारे एक बाइक खड़ी मिली। उसी बाइक के साथ 2 लोग सड़क के किनारे लेटे दिखाई दिए। एक बार लगा कि शायद उनका एक्सीडेंट हुआ हो पर करीब से जा कर देखने में पाया गया कि किसी को कोई चोट नहीं लगी थी। बाइक भी एकदम सही-सलामत थी। उधर से गुजर रहे एक राहगीर ने बताया कि ये दोनों नशेड़ी हैं।
देवभूमि उत्तराखंड की सकारात्मकता देखने गया था.(20 मई)
— Rahul Pandey (Journalist) (@STVRahul) May 28, 2022
लेकिन दिखा ये सब.
पवित्र नीलकंठ मार्ग पर बाईक UP15BF 1684 (मेरठ के नाजिम के बेटे शुजाउद्दीन की)
2 संभावित नशेड़ी
विस्तृत रिपोर्ट जल्द@pushkardhami @uttarakhandcops @AshokKumar_IPS @diggarhwal @BJP4UK @haridwarpolice pic.twitter.com/U4DV2im85m
सड़क के किनारे खड़ी उस बाइक का नंबर UP15-BF-1684 था। यह UP के मेरठ जिले का रजिस्ट्रेशन नंबर है। इस बाइक की जानकारी जुटाने पर यह बाइक नाज़िम के बेटे शुजाउद्दीन के नाम पर पाई गई। जहाँ पर ये दोनों सड़क के किनारे लेते थे उधर से लगातार वाहनों का आना-जाना लगा हुआ था। लगभग 2 किलोमीटर दूर पुलिस पहाड़ो पर चढ़ने और उतरने वालों की चेकिंग भी कर रही थी। लेकिन किसी ने भी उन दोनों पर ध्यान नहीं दिया।
पूरे उत्तराखंड के एक जैसे हालत
ऋषिकेश के हिन्दू कार्यकर्ता और ‘हिन्दू युवा वाहिनी’ पदाधिकारी अमन पांडेय ने ऑपइंडिया से बात की। उन्होंने बताया, “2019 के लॉकडाउन से पहले हमने हालात गंभीर होता देख कर जन-जागरूकता अभियान चलाया था। उस समय कोई कहीं नशे की हालत में पड़ा मिलता था तो कोई किसी हालात में। ट्यूब चिपकाने वाले कुछ ग्लू भी कुछ लोग सूँघ कर नशा करने लगे थे। हम नशे की लत से लोगों को दूर रखने के लिए गली-गली घूमे थे। हमने प्रशासनिक अधिकारियों को भी नशे के अवैध करोबारियों पर लगाम लगाने की माँग को ले ज्ञापन दिया था।”
अमन ने आगे बताया, “ये बुरे हाल सिर्फ ऋषिकेश के नहीं हैं। कमोबेश पूरे उत्तराखंड के यही हाल हैं। कई लोग इसके खिलाफ संघर्ष भी कर रहे हैं। लेकिन अभी स्थिति चिंताजनक है। इस रैकेट के तस्करों का पता ही नहीं चल पाता। आए दिन पुलिस इस से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी भी करती है।
कुछ स्थानीय न्यूज़ चैनल इस मामले की ग्राउंड रिपोर्टिंग भी कर चुके हैं। उस रिपोर्टिंग में नशे के बाद हो रहा विवाद और स्थानीय लोगों द्वारा फ़ैल रही लत की भयावहता को बताया गया है।
साधु-संत कर रहे नशा मुक्त ऋषिकेश की अपील
साधु-संत और कथावाचक भी उत्तराखंड में नशे के बढ़ते प्रकोप से चिंतित हैं। अक्टूबर 2018 में कथावाचक शत्रुघन महाराज ने अपनी भागवत कथा के माध्यम से ऋषिकेश के लोगों से नशा छोड़ने की अपील की थी।
‘बरेली से आती है नशे की खेप’
उत्तराखंड के प्रसिद्ध हिन्दू एक्टिविस्ट और संत स्वामी दर्शन भारती ने ऑपइंडिया से बात की। उन्होने बताया, “उत्तराखंड में अधिकतर नशे की खेप UP के बरेली से आती है। नशे के इस अवैध कारोबार में अधिकतर मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हैं। यहाँ अकेले स्मैक का ही कारोबार 15 करोड़ रुपए का है। चाहे देहरादून शहर हो, या धर्म नगरी ऋषिकेश या फिर पहाड़। हर जगह इसकी बढ़ती लत चिंताजनक रूप लेती जा रही है। आए दिन उनकी गिरफ्तारी भी होती है लेकिन वो बाद में छूट जाते हैं।
इसी नशे के बढ़ते प्रकोप से उत्तराखंड में लूट, छिनैती जैसे अपराध बढ़ रहे हैं। आज आने वाली पीढ़ी कॉलेज के अधिकतर छात्र नशा खोजते हुए उत्तराखंड में मिल जाएँगे। उत्तराखंड कभी शिक्षा का हब हुआ करता था। आज वही बच्चे नशा कर रहे हैं। कॉलेज के बाहर झोपड़पट्टियाँ बनी हुई हैं। शाम को तमाम छात्र उन्हीं झोपड़पट्टियों में नशा करने जाते हैं।”
गौरतलब है कि 24 मई, 2022 को उत्तराखंड के नैनीताल के रामनगर थाने की पुलिस ने साजिद नाम के व्यक्ति को स्मैक के साथ गिरफ्तार किया था।
‘खुद पर कार्रवाई के डर से पुलिस नहीं दिखाती बहुत बहादुरी’
स्वामी दर्शन भारती ने आगे कहा, “हमारे यहाँ की पुलिस बहुत कमजोर है। उत्तराखंड की पुलिस आए दिन कहीं न कहीं बेइज्जत हो रही है। पहले एनकाउंटर आदि की घटनाओं में कुछ पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो चुकी है। इसलिए पुलिस वाले कार्रवाई के बजाए अपनी नौकरी बचाने पर ज्यादा ध्यान देता है। पुलिस का गिरा मनोबल भी एक बड़ा कारण है उत्तराखंड में इस प्रकार के अवैध कार्यों को बढ़ावा मिलने का। कुछ पुलिसकर्मी रणवीर एनकाउंटर केस में आज तक जेल काट रहे हैं। इसलिए तमाम पुलिस वालों ने पिस्टल रख कर पेन उठा लिया है।”
UP पुलिस ने पकड़ा था उत्तराखंड में नशा सप्लाई करने वालों को
19 मई, 2022 को उत्तराखंड से सटे UP के जिले सहारनपुर की पुलिस ने नशे के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया था। उस रैकेट में मुस्लिम समुदाय की 8 महिलाएँ गिरफ्तार की गईं थीं। आरोपितों के नाम सोनिया, इमराना, चाँदनी, हाजिरा, इशरत, उज़मा, अनम और अफ़साना है। पुलिस ने इनके पास से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 23 लाख मूल्य की 140 ग्राम स्मैक बरामद किया था। इनसे हुई पूछताछ में पता चला था कि उजमा का शौहर भूरा उर्फ़ अब्दुल कादिर मादक द्रव्यों की सप्लाई देहरादून में करता है।
➡️ थाना कुतुबशेर पुलिस को मिली बड़ी सफलता, नशे के कारोबार करने वालो के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए 08 महिलाओ को कुल 140 ग्राम नाजायाज स्मैक (अन्तराष्ट्रीय कीमत लगभग 23 लाख रूपये ) व 12,490/- रूपये नगद सहित किया गिरफ्तार !!
— Saharanpur Police (@saharanpurpol) May 19, 2022
.@akashtomarips #UPPolice pic.twitter.com/fuXDXk5zL6
उत्तराखंड पुलिस चला रही ऑपरेशन मर्यादा
उत्तराखंड पुलिस देवभूमि में न सिर्फ नशा बेचने वालों बल्कि नशा कर के अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ लगातार एक्शन ले रही है। इसके लिए पुलिस ने ‘ऑपरेशन मर्यादा’ चला रखा है। 9 मई, 2022 को ऋषिकेश पुलिस ने नशा करके हुड़दंग करने वाले 7 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था।”
“ऑपेरशन मर्यादा” के तहत ऋषिकेश स्थित गोवा बीच में नशा करके हुड़दंग करने वाले 07 व्यक्तियों को लक्ष्मणझूला पुलिस ने गिरफ्तार कर पुलिस एक्ट के अंतर्गत कार्यवाही की। यदि कोई व्यक्ति इस प्रकार का कृत्य करता है तो इस संबंध में तत्काल डायल 112 पर पुलिस को सूचना दें।#UttarakhandPolice pic.twitter.com/gdTBNCDo7g
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) May 9, 2022
उत्तराखंड पुलिस ने नशे और हुड़दंग के खिलाफ अपने ‘ऑपरेशन मर्यादा’ में आम लोगों से भी सहयोग की अपील की है।