Saturday, November 23, 2024
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फोरेंसिक रिपोर्ट से रेप की पुष्टि नहीं, जान-बूझकर जातीय हिंसा भड़काने की कोशिश हुई: हाथरस मामले में ADG

"कुछ लोगों के द्वारा प्रदेश में जातीय तनाव पैदा करने के लिए इस तरह की चीजें कराई गईं। पुलिस ने शुरू से इसमें त्वरित कार्रवाई की है। अब हम आगे की विधिक कार्रवाई करेंगे। ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी जो प्रदेश में सामाजिक सद्भाव बिगाड़ना और जातीय हिंसा भड़काना चाहते थे।"

हाथरस घटना में पीड़िता की मौत की बाद मामले में राजनीति शुरू हो चुकी है। मीडिया में भी तरह-तरह की भ्रामक खबरें चलाई जा रही है। वहीं हाथरस पुलिस ने गुरुवार को मामले की जानकारी देते हुए कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में “जबरन यौन संबंध” बनाने का पुष्टि नहीं हुई है। रिपोर्ट में गला गला दबाने से हुए जख्म को मौत का कारण बताया गया है।

बता दें मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में कथित सामूहिक बलात्कार पीड़िता की मौत हो गई थी। खबरों के अनुसार, उसके साथ दो सप्ताह पहले कथित तौर पर बलात्कार किया गया था। वहीं इस घटना में लोगों का गुस्सा तब और फूटा जब सोशल मीडिया पर यह भ्रामक खबर चलाई गई कि हाथरस पुलिस ने परिवार के सदस्यों की सहमति के बिना मंगलवार रात लड़की का जबरन अंतिम संस्कार कर दिया। हालाँकि पुलिस ने बाद में खबरों को खरिज करते हुए कहा था कि दाह संस्कार के दौरान पीड़िता के पिता मौजूद थे।

एएनआई से बात करते हुए, एडीजी प्रशांत कुमार ने आज जानकारी दी है कि फोरेंसिक रिपोर्ट आ गई है। एडीजी ने कहा कि एफएसएल रिपोर्ट में पीड़िता के शरीर से सैंपल इकट्ठे किए गए थे, उसमें किसी तरह का स्पर्म या शुक्राणु नहीं पाया गया है। उन्होंने आगे कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता से किसी भी प्रकार का यौन शोषण नहीं किया गया था।

उन्होंने आगे कहा, “इससे स्पष्ट होता है कि कुछ लोगों के द्वारा प्रदेश में जातीय तनाव पैदा करने के लिए इस तरह की चीजें कराई गईं। पुलिस ने शुरू से इसमें त्वरित कार्रवाई की है। अब हम आगे की विधिक कार्रवाई करेंगे। ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी जो प्रदेश में सामाजिक सद्भाव बिगाड़ना और जातीय हिंसा भड़काना चाहते थे।”

एडीजी प्रशांत ने कहा कि पुलिस ऐसे लोगों की पहचान करेगी, जिन्होंने मामले से राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए फर्जी खबरें और झूठे तथ्य फैलाए हैं। यूपी पुलिस पहले ही मामले में चार दोषियों को गिरफ्तार कर चुकी है।

वहीं एसपी विक्रम वीर ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि विशेष जाँच दल फिलहाल शहर में है। उन्होंने बुधवार को अपराध और घटनास्थल का दौरा किया और परिवार के सदस्यों से बात की।

गौरतलब 14 सितंबर को पीड़िता चारा इकट्ठा करने के लिए खेत में गई थी, जब युवकों के एक समूह ने उस पर पीछे से हमला किया था। किशोरी को उसके गले में दुपट्टे से बाँधकर घसीट कर खेत में ले जाया गया, जहाँ कथित तौर पर उसके साथ बलात्कार किया गया। शायद घसीटने की वजह से ही उसकी रीढ़ की हड्डी में चोट आई थी। दुष्कर्म का विरोध करने पर आरोपितों ने पीड़िता की गला दबा कर हत्या करने की कोशिश की। पुलिस ने कहा कि इसी दौरान पीड़िता की जीभ दाँत के बीच में आ गई और कट गई।

वहीं इस मामले पर संज्ञान लेते हुए पीएम मोदी ने भी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मामले में जानकारी ली थी और आरोपितों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए थे। घटना की जाँच के लिए सीएम ने एक विशेष टीम बनाने का आदेश दिया था, जो अगले सात दिनों में रिपोर्ट सौंपेगी।

इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिजनों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की थी। जिस दौरान दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिवार के लिए कई घोषणाएँ कीं थी। इसमें परिवार को कुल 25 लाख रुपए की सहायता राशि उपलब्ध की जाएगी। परिवार के एक सदस्य को कनिष्ठ सहायक के पद पर नौकरी दी जाएगी। सूडा योजना के अंतर्गत हाथरस शहर में एक घर का आवंटन किया जाएगा। इसके अलावा सीएम ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई अनुमति दे दी है।

उल्लेखनीय है कि कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा आज (अक्टूबर 01, 2020) अपने भाई राहुल गाँधी के साथ पीड़ित परिवार से मुलाकात करने के लिए एक बड़ा काफिला लेकर हाथरस निकली थीं। जिस कारण हाइवे पर लंबा जाम लग गया है। बता दें हाथरस में इस वक्त धारा 144 लागू है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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